Prayagraj News: हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ की घटना ने संगम नगरी प्रयागराज को टेंशन में डाल दिया है. यहां कुछ महीनों बाद महाकुंभ का आयोजन होना है. इस बार के महाकुंभ में देश दुनिया से तकरीबन 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. अकेले मौनी अमावस्या पर पांच करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. ऐसे में हाथरस की घटना ने सरकार और प्रशासन से लेकर संतों और श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है.


संतों और श्रद्धालुओं को इस बात की फिक्र हो रही है कि कहीं हाथरस जैसी घटना आस्था के मेले में हुई तो क्या होगा. यही वजह है कि संत महात्मा और उनके अनुयायी चाहते हैं कि योगी सरकार सुरक्षा को लेकर फिर से मंथन करें और नया रोड मैप तैयार करे. हालांकि संतो और श्रद्धालुओं को इस बात की उम्मीद है कि  सीएम योगी आदित्यनाथ खुद एक संत हैं, ऐसे में उन्हें कोई सलाह देने की जरूरत नहीं है और वह खुद ही सभी व्यवस्थाएं ठीक कर लेंगे.


संत महात्माओं ने दिया सुझाव
संत महात्माओं और उनके सेवादारों ने सुझाव दिया है कि हाथरस की घटना से सबक लेते हुए न सिर्फ नए सिरे से रोड मैप तैयार किया जाए बल्कि ग्राउंड जीरो पर उसे पर पूरी तरह सख्ती से अमल भी कराया जाए. कुंभ मेले में जिन जगहों पर श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं या जिन रास्तों से गुजरते हैं वहां वीआईपी की एंट्री पूरी तरह बैन की जाए. मेला क्षेत्र के साथ ही रेलवे स्टेशनो और बस स्टेशनो पर भी विशेष व्यवस्थाएं की जाएं. आने और जाने के रास्ते अलग-अलग हों. भीड़ को कहीं भी रुकने ना दिया जाए. सभी के लिए अलग-अलग एडवाइजरी जारी हो.


ओम नमः शिवाय आश्रम के प्रमुख गुरु जी के मुताबिक अगर जमीनी लेवल पर ठीक से काम किया जाए तो 2019 की तरह इस बार के महाकुंभ को भी सफलतापूर्वक आयोजित किया जा सकता है. टीकरमाफी आश्रम के प्रमुख स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी ने सुझाव दिया है कि मेले में आने वाले संत महात्माओं और उनके सेवादारों से भी मदद ली जा सकती है. संत महात्मा हर स्तर पर सरकार व प्रशासन को मदद करने को तैयार हैं. प्रयागराज के संतों ने यह भी कहा है कि हाथरस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए.


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