Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में मुस्लिमों की दुकानें लगाए जाने को लेकर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अब यू टर्न लिया है. पहले कुछ संतों ने महाकुंभ में गैर सनातनियों को दुकाने लगाए जाने की इजाजत नहीं दिए जाने की मांग उठाई थी, लेकिन अब अखाड़ा परिषद ने साफ कर दिया है कि उनका किसी धर्म विशेष को लेकर कोई विरोध नहीं है.
अखाड़ा परिषद सिर्फ यह चाहता है कि महाकुंभ में खाने-पीने की दुकानें सिर्फ सनातन धर्मियों को ही लगाने की इजाजत दी जाए. गैर सनातनियों को बाकी कारोबार करने दिया जाए, लेकिन उन्हें खाने-पीने की दुकान लगाने की इजाजत कतई न दी जाए.
धर्म भ्रष्ट किए जाने का ट्रेंड सा चल रहा
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी के मुताबिक इन दिनों देश में सनातन धर्मियों की आस्था प्रभावित किए जाने और उनका धर्म भ्रष्ट किए जाने का ट्रेंड सा चल रहा है. लव और लैंड जिहाद की तरह थूक और पेशाब जिहाद का अभियान चलाया जा रहा है. यह पूरी तरह से गलत है. ऐसे में सनातनियों के आस्था के मेले में गैर सनातनियों को खाने-पीने की दुकान लगाने की इजाजत कतई न दी जाए.
माहौल खराब हो सकता है
महंत रविंद्र पुरी की दलील है कि महाकुंभ में अगर गैर सनातनी खाने-पीने की दुकान लगाएंगे और वहां कुछ भी गलत होता हुआ मिलेगा तो उस माहौल खराब हो सकता है. गलत होने पर संत और श्रद्धालु अपना धैर्य खो सकते हैं और उसके बाद जो कुछ होगा वह किसी के लिए ठीक नहीं होगा. ऐसे में बेहतर यही होगा कि गैर सनातनियों को कतई खाने पीने की दुकान लगाने की इजाजत न दी जाए. उनका कहना है कि अखाड़ा परिषद ने ना तो कभी मुसलमानों की मेले में एंट्री पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की है और ना ही उनके कारोबार करने पर.
धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा
महाकुंभ में हमारी आस्था प्रभावित न हो, हम सिर्फ इसलिए खाने पीने की दुकानों पर अंकुश चाहते हैं. महंत रविंद्र पुरी के मुताबिक पिछले दिनों खाने-पीने के सामानों में जिस तरह से थूक और पेशाब मिलाए जाने के मामले सामने आए हैं, उससे यह साफ होता है कि यह सब काम सनातन धर्मियों को अपमानित करने व उनका धर्म भ्रष्ट करने के लिए जिहाद के तौर पर किया जा रहा है. महंत रविंद्र पुरी ने फिर दोहराया है हिंदुओं के लिए अलग सनातन बोर्ड गठित किए जाने की मांग को लेकर प्रयागराज महाकुंभ में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा.
अखाड़ा परिषद सिर्फ यह चाहता है कि महाकुंभ में खाने-पीने की दुकानें सिर्फ सनातन धर्मियों को ही लगाने की इजाजत दी जाए. गैर सनातनियों को बाकी कारोबार करने दिया जाए, लेकिन उन्हें खाने-पीने की दुकान लगाने की इजाजत कतई न दी जाए.
धर्म भ्रष्ट किए जाने का ट्रेंड सा चल रहा
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी के मुताबिक इन दिनों देश में सनातन धर्मियों की आस्था प्रभावित किए जाने और उनका धर्म भ्रष्ट किए जाने का ट्रेंड सा चल रहा है. लव और लैंड जिहाद की तरह थूक और पेशाब जिहाद का अभियान चलाया जा रहा है. यह पूरी तरह से गलत है. ऐसे में सनातनियों के आस्था के मेले में गैर सनातनियों को खाने-पीने की दुकान लगाने की इजाजत कतई न दी जाए.
माहौल खराब हो सकता है
महंत रविंद्र पुरी की दलील है कि महाकुंभ में अगर गैर सनातनी खाने-पीने की दुकान लगाएंगे और वहां कुछ भी गलत होता हुआ मिलेगा तो उस माहौल खराब हो सकता है. गलत होने पर संत और श्रद्धालु अपना धैर्य खो सकते हैं और उसके बाद जो कुछ होगा वह किसी के लिए ठीक नहीं होगा. ऐसे में बेहतर यही होगा कि गैर सनातनियों को कतई खाने पीने की दुकान लगाने की इजाजत न दी जाए. उनका कहना है कि अखाड़ा परिषद ने ना तो कभी मुसलमानों की मेले में एंट्री पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की है और ना ही उनके कारोबार करने पर.
धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा
महाकुंभ में हमारी आस्था प्रभावित न हो, हम सिर्फ इसलिए खाने पीने की दुकानों पर अंकुश चाहते हैं. महंत रविंद्र पुरी के मुताबिक पिछले दिनों खाने-पीने के सामानों में जिस तरह से थूक और पेशाब मिलाए जाने के मामले सामने आए हैं, उससे यह साफ होता है कि यह सब काम सनातन धर्मियों को अपमानित करने व उनका धर्म भ्रष्ट करने के लिए जिहाद के तौर पर किया जा रहा है. महंत रविंद्र पुरी ने फिर दोहराया है हिंदुओं के लिए अलग सनातन बोर्ड गठित किए जाने की मांग को लेकर प्रयागराज महाकुंभ में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा.
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