महाकुंभ: बर्फीले देशों का एहसास कराएगी डोम सिटी, बेहतरीन होटल और महाराजाओं के कमरे भी इसके आगे फेल
डोम सिटी का कॉन्सेप्ट आमतौर पर बर्फीले देशों में होता है. इसे इग्लू यानी गोलाकार आकार में फाइबर की सीट से तैयार किया जाता है. जबरदस्त ठंड से बचाने में यह काफी कारगर साबित होता है.
Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक तंबुओं के कैंप के साथ ही डोम सिटी में भी रह सकेंगे. डोम सिटी महाकुंभ ही नहीं बल्कि भारत में पहली बार बसाई जा रही है. बुलेट प्रूफ, फायर प्रूफ और पारदर्शी डोम में एक दिन रुकने का किराया लाख रुपए से ज्यादा है. यह अलग बात है कि यहां एक रात बिताने पर फाइव स्टार होटल और महाराजाओं की आलीशान कोठियों के कमरे फीके नजर आएंगे. रिमोट से डोम की छत के पर्दे हटाकर रात के अंधेरे में आसमान में चमकते तारों को भी देखा जा सकेगा. दावा किया जा रहा है कि इसकी बुकिंग को लेकर जबरदस्त रिस्पांस सामने आ रहा है.
डोम सिटी का कॉन्सेप्ट आमतौर पर बर्फीले देशों में होता है. इसे इग्लू यानी गोलाकार आकार में फाइबर की सीट से तैयार किया जाता है. जबरदस्त ठंड से बचाने में यह काफी कारगर साबित होता है. भारत में चुनिंदा हिल स्टेशन पर इक्का-दुक्का डोम बनाए गए हैं. प्रयागराज महाकुंभ में एक साथ चौवालीस डोम और उनके साथ तकरीबन पौने दो सौ वुडन कॉटेज की अलग सिटी बसाई जा रही है.
कैसी है डोम सिटी
महाकुंभ क्षेत्र में डोम सिटी अरेल क्षेत्र में बसाई जा रही है. सिटी में 22 बड़े स्ट्रक्चर तैयार किए गए हैं. हर स्ट्रक्चर को दो हिस्से में बांटा गया है. दोनों हिस्सों में जमीन से तकरीबन 15 फीट ऊंचाई पर डोम तैयार किए गए हैं. डोम यानी फाइबर शीट से तैयार किया गया एक ऐसा कमरा, जिसे बेडरूम और ड्राइंग रूम दोनों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. महाकुंभ में तैयार डोम को चारों तरफ रंगीन पर्दे से ढका गया है. यह पर्दे रिमोट के जरिए खुल जाते हैं.
डोम की अंदरूनी छत पर भी लगे पर्दे को रिमोट से हटाकर रात के वक्त आसमान में चमकते तारों का दीदार किया जा सकता है. डोम में टायलेट और बाथरूम अटैच्ड है. हर डोम के बाहर प्लेटफार्म पर ओपन एयर स्पेस रखा गया है. यहां कुर्सी और मेज लगे रहेंगे. लोग इस ओपन स्पेस से मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे और साथ ही महाकुंभ की गतिविधियों को भी देख सकेंगे. डोम के अंदर ऐसा डेकोरेशन किया गया है कि अंदर दाखिल होते ही एक अलग दुनिया का एहसास होने लगता है.
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क्या-क्या है तैयारी
डोम के अंदर आधुनिकता और आध्यात्मिकता का संगम देखने को मिलता है. इसमें अंदर बेहद खूबसूरत सजावट की गई है. हर डोम के नीचे चार-चार वुडेन कॉटेज भी बनाए गए हैं. डोम सिटी में बड़ी यज्ञशाला तैयार की जा रही है. इसके अलावा श्रद्धालुओं के व्यक्तिगत तौर पर यज्ञ व पूजा करने के लिए छोटी यज्ञशालाएं भी हैं. इसके अलावा योग करने की जगह छोड़ी जाएगी और साथ ही एक मंदिर भी बनाया जाएगा. डोम सिटी में रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और साथ ही आरती भी होगी.
डोम सिटी में डोम में ठहरने का एक दिन का किराया एक लाख ग्यारह हजार रुपए है. हालांकि यह किराया स्नान पर्व और उससे एक दिन आगे पीछे का है. बाकी दिनों में एक रात रुकने के लिए इक्यासी हजार रुपए चुकता करने होंगे. इसके अलावा वुडन कॉटेज में आम दिनों में ठहरने के लिए रोजाना इकतालीस हजार रुपए खर्च करने होंगे, जबकि पीक डेज में इसके लिए इकसठ हजार रुपए देने होंगे. इसमें शहर से कहीं भी लाने और छोड़ने के साथ ही नाश्ते और खाने का खर्च भी शामिल है.