Mahakumbh 2025: महाकुंभ की शुरूआत प्रयागराज में 13 जनवरी यानी कल से हो रही है. महाकुंभ शुरू होने से पहले वहां साधु-संतों का जमावड़ा लग गया है. देश के अलग-अलग हिस्सों से साधु-संत वहां पहुंचे हैं. हर बार की तरह इस साल भी कड़ाके की ठंड के बीच नागा साधु वहां पहुंचे हैं. लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतनी ठंड के बीच भी नागा साधु वहां कैसे रहते हैं?


बीबीसी ने अपनी एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानने के लिए कुछ नागा साधुओं से बात की. एक नागा साधु ने कहा कि जब साधना की बात आ जाती है तो ठंड की कोई बात ही नहीं. देखिए साधना में बहुत शक्ति होती है. ये जो भभूत हम शरीर पर लगाते हैं वो भी ठंड को रोकता है. हम लोग अघोरी बाबा होते हैं तो हम लोगों ने राख को लगा रखा है.


दूसरे नागा साधु ने कहा कि ये शरीर को गर्माहट देता है. यह शरीर के लिए लाभदायक है और रोग भी नहीं लगता है. एक अन्य नागा बाबा ने बातचीत के दौरान बताया कि भगवान का भजन करो, ये सबसे बड़ा है. ये सबसे बड़ा वस्त्र है इससे बड़ा वस्त्र कोई और नहीं होता है. 12 घंटे या 14 घंटे बैठोगे तो ये पैर भी दर्द करेंगे. ये पेट है ये भी सिकुड़ जाएगा.


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कल से शुरू होगा अमृत स्नान
गौरतलब है कि त्रिवेणी संगम तट पर शुरू हो रहा महाकुंभ इस बार 26 फरवरी तक आयोजित होगा. इस दौरान कुछ छह शाही स्नान होंगे. महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है, जो गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में अमृत स्नान करेंगे. श्रद्धालु संगम तट पर महाकुंभ की प्राचीन परंपरा कल्पवास का निर्वहन करेंगे.


श्रद्धालु एक माह तक नियमपूर्वक संगम तट पर कल्पवास करेंगे. इसके लिए सीएम योगी के मार्गदर्शन में प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने विशेष इंतजाम किए हैं. कल्पवास की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से होगी. इस महाकुंभ में कल्पवास 13 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी तक संगम तट पर किया जाएगा.