महाकुंभ 2025: शुरू हुआ जमीन आवंटन का काम, पिछली के मुकाबले अखाड़ों को मिलेगी 10% ज्यादा जमीन
Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ को लेकर हुई अखाड़ा परिषद की आज की बैठक में खास यह रहा कि इसमें तेरह में से दस अखाड़े शामिल हुए. इससे पहले अखाड़ा परिषद दो गुटों में बटा हुआ था.
Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में आज से जमीन आवंटन का काम शुरू हो गया है. आज पहले दिन साधु संतों के अखाड़ों को जमीन आवंटित की गई. हालांकि अखाड़ों के संत महात्मा ज्यादा जमीन की मांग को लेकर कुछ नाराज बताए जा रहे थे. आवंटन का काम शुरू होने से पहले दोपहर के वक्त अखाड़ा परिषद की बैठक भी हुई थी, लेकिन इस बैठक में महाकुंभ प्रशासन से जुड़े अफसरों ने पहुंचकर नाराजगी जता रहे संतों को मना लिया.
अखाड़े के संत महात्मा बैठक के बाद अफसरों के साथ मेला क्षेत्र पहुंचे और अपनी-अपनी जमीन ली. अखाड़ों को जमीन आवंटन का काम कल यानी 19 नवंबर तक चलेगा. अखाड़ों के बाद दूसरे संप्रदाय के संतों-तीर्थ पुरोहितों और संस्थाओं को जमीन आवंटित की जाएगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मेला प्रशासन के अफसरों ने अखाड़ों के संत महात्माओं को 2019 के कुंभ के मुकाबले इस बार दस फीसदी ज्यादा जमीन देने का भरोसा दिलाया है.
नाराजगी का कोई सवाल नहीं- संत
बैठक के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और दूसरे संतों ने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ सनातन धर्मियों की आस्था का सबसे बड़ा उत्सव है. ऐसे में किसी नाराजगी का कोई सवाल ही नहीं उठता. मेला प्रशासन के अफसरों ने भी कहा कि संत महात्माओं ने उन्हें आशीर्वाद दे दिया है. महाकुंभ को लेकर हुई अखाड़ा परिषद की आज की बैठक में खास यह रहा कि इसमें तेरह में से दस अखाड़े शामिल हुए.
गौरतलब है कि इससे पहले अखाड़ा परिषद दो गुटों में बटा हुआ था. एक गुट में सात और दूसरे गुट में छह अखाड़े थे. आज की बैठक में दस अखाड़ों के शामिल होने से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अखाड़ा परिषद एक हो जाएगा और सभी तेरह अखाड़ों के संत एक प्लेटफार्म पर नजर आएंगे. अखाड़ा परिषद की बैठक में ज्यादातर अखाड़ों के शामिल होने से प्रशासन और सरकार ने भी राहत की सांस ली है.