महाकुंभ में नहीं आ सकते हैं दूसरे धर्म के लोग? ओपी राजभर के बयान से मिले ये संकेत, जानें- क्या कहा?
UP News: महाकुंभ में प्रवेश के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने के कारण विवाद उत्पन्न हो गया है. सुभासपा प्रमुख राजभर ने कहा है कि कुंभ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाना उचित नहीं है.
Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ के लिए संत महात्माओं का औपचारिक तौर पर आगमन रविवार 3 नवंबर से शुरू हो गया है.वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अक्टूबर 2024 के पहले सप्ताह में इस बात पर फैसला लिया गया था कि कुंभ में आधार कार्ड के साथ प्रवेश हो ताकि कोई गैर सनातनी मेला क्षेत्र में एंट्री ना कर पाए. अखाड़े के इस फैसले के बाद लगातार राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान सामने आ रहे है.
प्रदेश सरकार के मंत्री और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने संतो द्वारा कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक को लेकर कहा कि कुंभ में आने से किसी को मना नहीं किया जा सकता है. संतों ने जो कहा है वह उनकी अपनी राय है.ओमप्रकाश राजभर ने सपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जब चोरी हो रहा था वह लोग वहां पर थे तो वही लोग चोरी करा रहे थे और रुपया गिन रहे थे.
महंत रवीद्र पुरी ने दिया था बयान
साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के जरिये प्रयागराज महाकुंभ को लेकर बड़ा बयान दिया था.महंत रवींद्र पुरी के इस बयान का अन्य साधु महात्माओं ने स्वागत किया. महंत रवींद्र पुरी ने हरिद्वार में कहा था कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था से कोई खिलवाड़ ना हो, उनकी श्रद्धा प्रभावित न हो, इसलिए आस्था के मेले में खाने-पीने की दुकानें सिर्फ हिंदुओं को ही चलाने की अनुमति दी जाएं. उन्होंने कहा कि गैर सनातनियों को खाने-पीने की दुकान चलाने पर रोक लगानी चाहिए.
सपा और जमीयत ने जताया था विरोध
महंत रवींद्र पुरी के इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया. जमीयत उलेमा ए हिंद और समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने इस मांग को सांप्रदायिक आधार पर भेदभाव करने वाला बताया था.प्रयागराज में मौजूद संत महात्माओं का कहना है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का यह बयान बिल्कुल उचित है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. संत महात्माओं वह सभी लोग इस बयान के समर्थन में हैं और इस तरह की पहल का स्वागत करते हैं.
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