Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में 15 महीने बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh Mela 2025) की तैयारियां तेज हो गई हैं. इस बार के महाकुंभ में तकरीबन 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में प्रशासन की और से जोर-शोर से तैयारी भी जा रही है, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. इस बार 2019 के कुंभ के मुकाबले तकरीबन 25 फ़ीसदी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी.
प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले को 4000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाया जाएगा. 2019 में कुंभ का मेला 3200 हेक्टेयर में आयोजित हुआ था. इस मेले में गंगा नदी पर इस बार 30 पांटून पुल बनाए जाएंगे. जबकि पिछली बार के मेले में 22 पांटून ब्रिज बने थे. इसके साथ ही संगम के नजदीक 25000 श्रद्धालुओं की क्षमता वाला गंगा पंडाल बनाया जाएगा. इस पंडाल में 10000 बेड की भी व्यवस्था रहेगी. वहीं हरित महाकुंभ की परिकल्पना साकार करने के लिए मेला क्षेत्र में डेढ़ लाख पेड़ लगाए जाएंगे.
साफ-सफाई के लिए विशेष प्रावधान
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को पर्यावरणीय सुरक्षा का संदेश दिया जाएगा. मेला क्षेत्र में तकरीबन डेढ़ लाख शौचालय बनाए जाएंगे. जिसके लिए 10000 से ज्यादा सफाई कर्मियों की तैनाती होगी और 800 सफाई गैंग तैनात किए जाएंगे. मेला क्षेत्र में 25000 से ज्यादा डस्टबिन रखे जाएंगे. मेले में सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग आईसीटी बेस्ड सिस्टम से की जाएगी.
प्रयागराज मेला प्राधिकरण बोर्ड ने बैठक के बाद यह प्रस्ताव अनुमोदन के लिए यूपी सरकार को भेजा है. चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली शीर्ष समिति इन प्रस्तावों पर अंतिम फैसला लेगी. संगम नगरी में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी और ये 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा. इस बार 45 दिनों का महाकुंभ होगा. 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व के साथ महाकुंभ की शुरुआत होगी.
महाकुंभ में तीन शाही स्नान होंगे
महाकुंभ में इस बार भी तीन शाही स्नान होंगे. 14/15 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान होगा. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान होगा और 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर तीसरा और आखिरी शाही स्नान होगा. 5 फरवरी को अचला सप्तमी का स्नान पर्व होगा जबकि 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ कल्पवास का समापन होगा. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान पर्व के साथ कुंभ मेले का समापन होगा. महाकुंभ में 7 प्रमुख स्नान पर्व होंगे. 2025 में कुल 45 दिनों तक महाकुंभ का आयोजन होगा.
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