Prayagraj News: उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, अनुमान है कि 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ तीर्थयात्री आएंगे. राष्ट्र की जीवन रेखा माने जाने वाले भारतीय रेलवे की कुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की सेवा करने की बहुत पुरानी परंपरा है. प्रयागराज आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए परिवहन के सबसे महत्वपूर्ण साधनों में से एक भारतीय रेल उन्हें लाने, उनका स्वागत करने और वापस उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है. इसके लिए लगभग एक साल से भी अधिक समय से बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं. 


प्रयागराज जिले में प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, प्रयागराज छिवकी, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम और झूंसी सहित कुल 9 रेलवे स्टेशन हैं, जो तीन क्षेत्रीय रेलवे: उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत आते हैं. तीनों क्षेत्रीय रेलवे प्रयागराज में जनवरी-फरवरी 2025 के दौरान आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों के लिए कार्यरत हैं. 


रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का हो रहा कायाकल्प 
प्रयागराज में रेलवे 933.62 करोड़ रुपये की लागत के नए रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रहा है. इन कार्यों में रुपये 494.90 करोड़ की लागत से यात्री सुविधाओं में वृद्धि और रुपये 438.72 करोड़ की लागत से रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण शामिल है. तीनों रेलवे और स्थानीय नागरिक प्रशासन के बीच आवश्यक समन्वय सुनिश्चित करने के लिए, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा नोडल (समन्वय) रेलवे के रूप में नियमित समन्वय बैठक भी की जा रही हैं.


79 प्रकार के यात्री सुविधा कार्य
कुंभ के मद्देनजर प्रयागराज में रेलवे के 79 प्रकार के यात्री सुविधा कार्य हो रहे हैं. इनमें से 25 कार्य पहले ही पूरे किए जा चुके हैं. इन कार्यों में स्टेशन भवन, प्लेटफॉर्म, कवर शेड का निर्माण-विस्तार-सुधार, अतिरिक्त एफओबी का निर्माण-मरम्मत, वाशिंग लाइनों का निर्माण-अपग्रेडेशन, यात्री सूचना प्रणाली का विस्तार, सर्कुलेटिंग एरिया में सुधार, अमृत स्टेशनों का विकास, रेलवे परिसर में बाउंड्री का निर्माण, यात्री शेल्टर, सड़कों का सुधार, सीसीटीवी और सुरक्षा व्यवस्था, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, जलापूर्ति में वृद्धि, साइनेज और अन्य वाणिज्यिक वस्तुओं की खरीद, एग्जीक्यूटिव लाउंज का निर्माण, शौचालय सुविधाओं में वृद्धि आदि शामिल हैं.  


यात्री शेल्टर की संख्या बढ़ाई जा रही  
इन सभी स्टेशनों पर होल्डिंग क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. प्रयागराज जंक्शन पर पहले से उपलब्ध 4 यात्री आश्रयों के साथ ही 4000 यात्रियों की क्षमता वाला एक अतिरिक्त यात्री आश्रय जोड़ा गया है. इसी तरह प्रयागराज छिवकी में 2 अस्थायी आश्रयों के स्थान पर 2 स्थायी आश्रय, सूबेदारगंज में 1आश्रय, प्रयाग जंक्शन पर 3 स्थायी आश्रय, फाफामऊ में 2 और प्रयागराज रामबाग में 6 आश्रय बनाए गए हैं, जबकि पिछली बार दो आश्रय बनाए गए थे. सभी आश्रयों में सार्वजनिक शौचालय, खानपान स्टॉल, उद्घोषणा और पूछताछ डिस्प्ले आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. 


कई भाषाओं में होगी रोचक एनाउन्समेंट 
महाकुंभ के दौरान, बहुभाषी उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से भारत के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को स्टेशन और मेला क्षेत्र में विभिन्न भाषाओं में यात्रा संबंधी जानकारी/डेटा की घोषणा की जाएगी. यह प्रणाली हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम, बंगाली और उड़िया आदि में जानकारी प्रदान करेगी. 


टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 
तीर्थयात्रियों की सहायता करने और उनके प्रश्नों के समाधान और उन्हें ऑनलाइन मदद करने के लिए महाकुंभ रेलवे हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर -1800-4199-139 जारी किया गया है और कुंभ-2025 मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है. कॉल सेंटर को ऑपरेटरों द्वारा 24 घंटे प्रति शिफ्ट प्रबंधित किया जाएगा और इसमें टोल फ्री नंबर और क्लाउड सेटअप शामिल होगा. 


बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी काम 
यातायात के निर्बाध आवागमन के लिए महाकुंभ 2025 के दौरान अतिरिक्त भीड़ को समायोजित करने के लिए कई क्षमता वृद्धि कार्य शुरू किए गए हैं. इन कार्यों में सूबेदारगंज यार्ड का पुनर्निर्माण, सूबेदारगंज स्टेशन पर दो अतिरिक्त प्लेटफार्मों का निर्माण, झूंसी में दो अतिरिक्त प्लेटफार्मों का निर्माण, प्रयागराज और सूबेदारगंज में नई वाशिंग लाइनों का निर्माण/मौजूदा वाशिंग लाइनों का उन्नयन, वाराणसी-प्रयागराज दोहरीकरण, प्रयागराज यार्ड का पुनर्निर्माण, प्रयाग जंक्शन पर एक अतिरिक्त प्लेटफार्म का निर्माण, प्रयागराज सिविल लाइन की ओर की वाशिंग लाइनों की भारी मरम्मत और जंघई-फाफामऊ दोहरीकरण आदि शामिल हैं.


अयोध्या, काशी और चित्रकूट जाने की ख़ास व्यवस्था 
अयोध्या और काशी जाने के इच्छुक तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए दो दिशाओं में हर चौथे स्टेशन पर ठहराव के साथ फास्ट रिंग रेल मेमू सेवा चलाने की भी योजना बनाई गई है - प्रयागराज-प्रयाग-अयोध्या-वाराणसी-प्रयागराज और प्रयागराज-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी-अयोध्या-प्रयागराज. इसके साथ ही तीर्थस्थल चित्रकूट जाने के इच्छुक तीर्थयात्रियों के लिए एक और रिंग रेल सेवा की योजना बनाई गई है, जो वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-बांदा-चित्रकूट-मानिकपुर-प्रयागराज-फतेहपुर-गोविंदपुरी-उरई-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी मार्ग को कवर करेगी और विपरीत दिशा में भी. 


बहुत तेजी के साथ टिकट देने की व्यवस्था 
सभी स्टेशनों के साथ-साथ मेला क्षेत्र में यूटीएस, एटीवीएम, एमयूटीएस, पूछताछ और पीआरएस सहित कुल 542 टिकटिंग पॉइंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इनमें प्रयागराज जंक्शन पर ही 132 काउंटर बनाने की योजना बनाई गई है. ये सभी काउंटर प्रतिदिन लगभग 9,76000 टिकट प्रदान कर सकते हैं, इस प्रकार प्रति टिकट दो यात्रियों के हिसाब से प्रतिदिन लगभग 19,52,000 यात्रियों को यात्रा टिकट उपलब्ध करवाई जा सकती है. 


भीड़ को कैसे करेंगे कंट्रोल 
भीड़ नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा विस्तृत यातायात योजना तैयार की गई है, जिसमें भारतीय रेलवे द्वारा व्यापक इनपुट दिया गया है.महाकुंभ मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक कंप्यूटर-तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें सिमुलेशन प्रोग्राम शामिल होंगे. महाकुंभ मेला अवधि के दौरान सभी स्टेक होल्डर्स के बीच निर्बाध संचार सुनिश्चित करने पर भी बहुत ध्यान दिया जा रहा है. मैन पावर के क्षेत्र में अतिरिक्त संसाधन भी जुटाए जा रहे हैं. 


सुरक्षा की अत्याधुनिक तैयारी 
सुरक्षा तैयारियों को भी बढ़ाया जा रहा है. अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती के अलावा, किसी भी संदिग्ध व्यक्ति/वस्तु का पता लगाने और स्टेशनों पर तलाशी अभियान के लिए आरपीएफ की डॉग स्क्वायड टीमों को तैनात किया जाएगा. यात्रियों की भीड़ पर नजर रखने और निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी नियंत्रण कक्षों में लाइव फुटेज के साथ 651 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इनमें से करीब 100 कैमरों में शरारती तत्वों और असामाजिक तत्वों की पहचान करने के लिए एआई आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम है. 


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