महाकुंभ: किसान देवता के मंदिर में पहुंचे रहे हजारों श्रद्धालु, लोगों की श्रद्धा और आस्था का बना केंद्र
अन्नदाताओं पर आधारित विशेष भजन भी पेश किए जाते हैं. कई बार तो यहां किसान देवता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ती है कि व्यवस्था को संभालने में दिक्कत होने लगती है.

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में संत महात्माओं के पंडाल में धर्म-आध्यात्म, ज्ञान और संस्कृति की गंगा बह रही है तो वहीं दूसरी तरफ देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों का मान बढ़ाने के लिए यहां किसान देवता का मंदिर भी स्थापित किया गया है. यह मंदिर सेक्टर 15 के मुक्ति मार्ग पर किसान पीठाधीश्वर शैलेंद्र योगीराज जी महाराज द्वारा स्थापित किया गया है.
महाकुंभ में आने वाले हजारों श्रद्धालु रोजाना यहां पहुंचकर किसान देवता और देवी को नमन करते हैं. दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं और साथ ही पूजा अर्चना कर यह कामना करते हैं कि उनका आशीर्वाद हमेशा अन्नदाताओं पर बरकरार रहे. यह अनूठा मंदिर महाकुंभ में लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है.
किसान देवता का श्रंगार और भव्य आरती
किसान देवता के मंदिर में उन्हें हल लिए हुए और देवी को हंसिया लिए हुए दिखाया गया है. यहां दिन में चार बार किसान देवता का श्रंगार कर उनके भव्य आरती की जाती है. इस मौके पर अन्नदाताओं पर आधारित विशेष भजन भी पेश किए जाते हैं. कई बार तो यहां किसान देवता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ती है कि व्यवस्था को संभालने में दिक्कत होने लगती है.
यहां आने वाले श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या में महिलाएं भी होती हैं. श्रद्धालुओं का कहना होता है कि किसान देवता की कृपा किसानों पर बनी रहेगी तभी उनका पेट भरेगा. आस्था के महाकुंभ में किसान देवता का दरबार स्थापित करने वाले किसान पीठाधीश्वर शैलेंद्र योगी जी महाराज के मुताबिक उन्होंने यह मंदिर यूपी के प्रतापगढ़ जिले में बनवाया था.
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क्या देना चाहते हैं संदेश
वहां की मूर्तियों को वह महाकुंभ में लाकर किसानों का मान व सम्मान बढ़ाने की कोशिश में है. यह संदेश देना चाहते हैं कि देश के अन्नदाता किसान भी देवता की तरह हैं. वह मेहनत करके फसलों की जो पैदावार करते हैं, उसी से लोगों का पेट भरता है. ऐसे में वह देवता से कम नहीं है.
महाकुंभ में किसान देवता का मंदिर स्थापित करने वाले शैलेंद्र योगी जी महाराज का कहना है कि सनातन बोर्ड और तमाम दूसरे बोर्ड गठित किए जाने की जो मांग की जा रही है, उन सबसे ज्यादा जरूरी किसान कल्याण बोर्ड का गठन है. किसानों की खुशहाली और उनकी बेहतरी के लिए भी किसान देवता के मंदिर में रोजाना विशेष प्रार्थना की जाती है. महाकुंभ में किसान देवता का यह मंदिर अंतिम स्नान पर्व तक रहेगा.
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