Mahakumbha 2025: महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य रूप देने के लिए यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों को सजाने संवारने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. इसी के मद्देनजर दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन को लेकर पौराणिक मान्यता वाले नागवासुकी मंदिर को राजस्थानी लाल पत्थरों से सजाने संवारने का काम चल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागवासुकी मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम 15 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया हैं.
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत के दौरान प्राचीन नागवासुकी मंदिर के पुजारी पंडित श्याम बिहारी मिश्र ने बताया कि समुद्र मंथन के बाद नागराज वासुकी लहूलुहान हो गए थे. भगवान विष्णु के कहने पर उन्होंने प्रयागराज में इसी जगह आराम किया था. इसी वजह से नागवासुकी मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन करते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि नागवासुकी के दर्शन के बिना तीर्थराज प्रयाग की यात्रा अधूरी मानी जाती है.
सफर को आसान करेगा नया रेल ब्रिज
प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के कुंभ नगरी पहुंचने का अनुमान है. प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र सरकार भी इस आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आवागमन के लिए दिन रात तैयारियां कर रही हैं. रेल मार्ग से वाराणसी से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी पर बनकर तैयार हो रहा नया रेलवे सेतु श्रद्धालुओं का सफर आसान करेगा.
महाकुंभ 2025 में सबसे अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के सड़क परिवहन से कुंभ नगरी पहुंचने का अनुमान है. सड़क परिवहन के बाद सबसे अधिक लोग रेल मार्ग से ही प्रयागराज पहुचेंगे. इस बार लगभग 10 करोड़ लोगों के ट्रेन के जरिये महाकुंभ पहुचंने का अनुमान है. इस बार महाकुंभ में वाराणसी से प्रयागराज का सफर आसान होगा, क्योंकि योगी सरकार के आग्रह पर 495 करोड़ की लागत से तैयार डबल ट्रैक वाले रेल पुल पर दिसंबर से रेल दौड़ेगी रेल.
2700 मीटर लंबे पुल में डबल ट्रैक से कम होगा दबाव
दरअसल प्रयागराज रामबाग- वाराणसी रेल मार्ग में गंगा नदी पर अभी तक केवल एक ही रेल पुल था जिसमें सिंगल ट्रैक होने की वजह से झूंसी और राम बाग रेलवे स्टेशन में ट्रेन को देर तक रोकना पड़ता था. लेकिन अब इस 2700 मीटर लंबे नए रेल पुल के बन जाने से रेल यात्रियों को इंतजार नहीं करना होगा.
यह डबल ट्रैक वाला रेल पुल है अब सफर को आसान करेगा. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत के दौरान प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनय अग्रवाल ने बताया कि 495 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण हुआ है जो दिसम्बर तक रेल परिवहन के लिए खोल दिया जाएगा.
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