प्रयागराज महाकुंभ से पहले महिलाओं के परी अखाड़े में हुआ पट्टाभिषेक समारोह, दिया गया खास संदेश
Prayagraj News: महाकुंभ से पहले अखाड़ों - मठों और आश्रमों में पट्टाभिषेक कार्यक्रम आयोजित कर पदवी दी जा रही है. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर महिलाओं के परी अखाड़े में पट्टाभिषेक कार्यक्रम हुआ.
Maha Kumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में कुछ दिनों बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले अखाड़ों - मठों और आश्रमों में पट्टाभिषेक कार्यक्रम आयोजित कर पदवी दी जा रही है. साथ ही नए पदाधिकारी भी नियुक्त किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के शुभ दिन के मौके पर महिलाओं के परी अखाड़े में पट्टाभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर अखाड़े की तरफ से देश के अलग-अलग राज्यों से जुड़ी महिला संतो को शंकराचार्य से लेकर आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर की उपाधि से विभूषित किया गया. इस मौके पर प्रयागराज महाकुंभ से मातृ शक्तियों के सशक्तिकरण का संदेश देने का फैसला भी लिया गया.
पट्टाभिषेक का यह कार्यक्रम प्रयागराज में संगम के नजदीक यमुना तट पर स्थित परी अखाड़े के मुख्यालय में आयोजित किया गया. पूरा कार्यक्रम परी अखाड़े की प्रमुख और संस्थापक जगतगुरु साध्वी त्रिकाल भवंता की मौजूदगी में हुआ. महिला संतों के पट्टाभिषेक कार्यक्रम से पहले सोमेश्वर महादेव मंदिर में पूजन अर्चन का कार्यक्रम हुआ. इसके बाद अलग-अलग उपाधियों से विभूषित महिला संतों की रथ यात्रा भी निकाली गई.
साध्वी अनंत ज्योति गिरि को दी गई द्वितीय शंकराचार्य की पदवी
परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता के मुताबिक शुक्रवार को हुए समारोह में डॉ० अनंत ज्योति गिरि सरस्वती का पट्टाभिषेक शंकराचार्य के तौर पर किया गया. अखाड़े की संस्थापक साध्वी त्रिकाल भवंता पहले से ही महिला शंकराचार्य के पद पर सुशोभित हैं, इसलिए साध्वी अनंत ज्योति गिरि को द्वितीय शंकराचार्य की पदवी दी गई. इस समारोह में जागृत चेतन गिरि का पट्टाभिषेक परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर के तौर पर किया गया. इसके अलावा बिहार के गया जिले की रहने वाली डॉ० किरण त्रिवेणी को जगतगुरु की उपाधि दी गई.
पट्टाभिषेक समारोह में बड़ी संख्या में महिला साध्वी मौजूद थी. इस मौके पर महिला संतों की आरती कर धार्मिक कार्यक्रम भी किए गए. परी अखाड़े की मीडिया प्रभारी अपराजिता के मुताबिक इस मौके पर कई अन्य महिला संतो को भी संन्यास की दीक्षा दी गई. महाकुंभ में परी अखाड़े की तरफ से 11 पीठों की स्थापना की जाएगी. सभी पीठों पर महिला संतो को ही पीठाधीश्वर बनाया जाएगा.
परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता का कहना है कि उनका अखाड़ा महाकुंभ में राष्ट्र निर्माण अखंड भारत वैदिक परंपरा और सनातन धर्म को मजबूत करने का संदेश देगा. इसके साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर भी प्रचार प्रसार किया जाएगा. अखाड़े का विस्तार नेपाल और अमेरिका समेत अन्य दूसरे देशों में भी किया जाएगा. महाकुंभ में महिला साध्वी अखाड़े की तर्ज पर शाही स्नान भी करेगी. उन्होंने सरकार और महाकुंभ प्रशासन से परी अखाड़े के लिए जमीन व अन्य सुविधाएं दिए जाने की भी मांग की है.
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