किन्नर कथा वाचक हिमांगी सखी बनाएंगी अलग अखाड़ा, प्रयागराज महाकुंभ से होगा आगाज
Prayagraj News: हिमांगी सखी ने कहा महाकुंभ में आने वाले 40 करोड़ श्रद्धालुओं को सामाजिक समरसता का संदेश दिया जाएगा. उनका कहना है कि अखाड़ों की संख्या बढ़ने से किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए.
Maha Kumbh 2025: देश की पहली किन्नर कथा वाचक हिमांगी सखी ने प्रयागराज महाकुंभ में एक नया अखाड़ा बनाने का ऐलान किया है. अर्धनारीश्वर धाम की प्रमुख हिमांगी सखी महाकुंभ में किन्नर वैष्णव अखाड़े का गठन करेंगी. अखाड़े में किन्नर समुदाय के संतों को प्रमुखता से जोड़ा जाएगा, जबकि इसमें दूसरे लोगों को भी जगह दी जाएगी. इस अखाड़े का गठन सीएम योगी आदित्यनाथ के बटोगे तो कटोगे वाले बयान को आगे बढ़ाने और दूसरे धर्मों में चले गए सनातन धर्मियों की घर वापसी कराने के लिए किया जाएगा.
हिमांगी सखी के मुताबिक इसके साथ ही महाकुंभ में आने वाले 40 करोड़ श्रद्धालुओं को सामाजिक समरसता का संदेश दिया जाएगा. उनका कहना है कि अखाड़ों की संख्या बढ़ने से किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए. हिमांगी सखी का कहना है कि अखाड़े के गठन के लिए प्रयागराज महाकुंभ से बेहतर कोई दूसरा मौका नहीं हो सकता. वह यहां से धर्म आध्यात्म और संस्कृति के साथ ही सामाजिक संदेश भी जारी करेंगी.
श्रद्धालुओं को पांच भाषाओं में भागवत कथा भी सुनाएंगी
हिमांगी सखी ने जानकारी दी है कि प्रयागराज महाकुंभ में वह इसके साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं को पांच भाषाओं में भागवत कथा भी सुनाएंगी. विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं को वह अंग्रेजी भाषा में भागवत कथा सुनाएंगी. हिमांगी सखी ने अपनी तुलना भगवान कृष्ण की प्रेम दीवानी मीरा से करते हुए खुद को उनकी दासी बताया है. उनका कहना है कि वह भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त हैं और उनके प्रेम के संदेश को समूची दुनिया में फैलाने का काम कर रही हैं.
किसी भी अखाड़े का कतई कोई विरोध नहीं
किन्नर कथा वाचक हिमांगी सखी का कहना है कि वह किसी भी अखाड़े का कतई कोई विरोध नहीं कर रही है. उनके मुताबिक उनका अखाड़ा भी सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और उसे मजबूत करने का काम करेगा. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
अखाड़े से जुड़ने के लिए अभी से संपर्क कर रहे हैं लोग
हिमांगी सखी का दावा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो बयान दिया था, उसके पीछे का संदेश सभी को गहराई से समझना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में सनातन धर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. उनके मुताबिक तमाम लोग उनके अखाड़े से जुड़ने के लिए अभी से संपर्क कर रहे हैं.