Akhilesh Yadav Keshav Dev Alliance: यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का गठबंधन बिखर गया है. केशव देव मौर्य की पार्टी महान दल, शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा और ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा ने 'तलाक' ले लिया है. दो दिन पहले ही शिवपाल यादव और ओपी राजभर से गठबंधन का नाता टूटा है. लेकिन इस बीच महान दल के नेता केशव देव मौर्य की ओर से फिर से सपा गठबंधन में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं. इसकी वजह उनकी सपा नेता आजम खान से मुलाकात है. बताया जा रहा है कि रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात के बाद केशव देव मौर्य ने अखिलेश यादव की तारीफ की है. इस दौरान उन्होंने ओम प्रकाश राजभर पर निशाना भी साधा है. उन्होंने कहा, 'ओम प्रकाश राजभर जोकर और आस्तीन का सांप हैं.'


केशव देव मौर्य ने हाल ही में आजम खान के घर पर उनसे मुलाकात की थी. जिसके बाद उन्होंने कहा, 'शिवपाल यादव अखिलेश की सामने से मदद कर रहे थे लेकिन पीछे से नुकसान पहुंचा रहे थे. मैंने सपा के नेताओं से कहा था कि राजभर की डोरी बीजेपी और आरएसएस के हाथों में है.' 


बता दें कि यूपी एमएलसी चुनाव में सीट नहीं मिलने के बाद नाराज केशव देव मौर्य ने सपा गठबंधन से अलग होने का एलान कर दिया था. जिसके बाद फॉर्च्यूनर गाड़ी को लेकर विवाद बढ़ा तो बताया गया कि ये गाड़ी सपा ने चुनाव के दौरान उन्हें दी थी. जिसको गठबंधन तोड़ने के बाद वापस ले लिया है. 


गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव  2022 के बाद से यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन को संभाल नहीं पाए. चुनाव के नतीजे आने के बाद से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने सबसे पहले उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. समाजवादी पार्टी की टिकट से लड़े शिवपाल  ने अखिलेश को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. दरसअल शिवपाल अपनी पार्टी को दी गई सीटों से खुश नहीं थे. इसके बाद महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने भी गठबंधन से नाता तोड़ लिया. उन्होंने अखिलेश यादव पर उपेक्षा का आरोप लगाया था. 


अखिलेश यादव लगातार इन हमलों के झेल रहे थे लेकिन सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी  के नेता ओपी राजभर ने चुप्पी साधे रखी. लेकिन आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा चुनाव में सपा गठबंधन के हारने के बाद उन्होंने भी अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. ओपी राजभर ने अखिलेश  यादव को कई तरह की नसीहत दे डाली. इसके बाद ओपी राजभर का पारा और बढ़ गया जब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बुलाई बैठक में अखिलेश यादव ने ओपी राजभर को नहीं बुलाया. ओपी राजभर ने इसके बाद सपा गठबंधन से 'तलाक' की कह बात कह डाली.


राष्ट्रपति चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से पत्र जारी कर दोनों नेताओं से कहा गया कि अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं. बता दें कि शिवपाल और ओपी राजभर के लिए दो अलग-अलग पत्र जारी किए गए थे. एबीपी गंगा से बातचीत में ओपी राजभर ने कहा कि उन्हें ये तलाक कबूल हैं. इसके साथ ही उन्होंने बसपा में जाने के संकेत दिए.


वहीं शिवपाल यादव ने भी ट्विटर पर सपा की ओर से जारी चिट्ठी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद. राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है'.


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