अयोध्या, एबीपी गंगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन के बाद हिंदू पक्षकार रहे व निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास को ट्रस्ट में शामिल न करने पर महंत धर्मदास ट्रस्ट के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताएंगे साथ ही उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल करने पर सवाल उठाए हैं।


महंत धर्मदास ने कहा कि चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल करना ट्रस्ट को भ्रष्ट करना है। चंपत राय एंड कंपनी शुरू से ही लूट खसोट का काम करती आ रही है, ये ट्रस्ट को बर्बाद कर देंगे। आरोप लगाते हुए महंत धर्मदास ने कहा कि गूंगे बहरे प्रिंसिपल को राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का पदाधिकारी बना दिया गया है और इसका वे खुलकर विरोध करते हैं।


महंत धर्मदास ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई थी लेकिन ट्रस्ट बनाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी नहीं चली क्योंकि मामला केंद्र सरकार का था अगर ट्रस्ट बनाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चलती तो ट्रस्ट में अयोध्या के और साधु भी शामिल होते लेकिन ऐसा नहीं हुआ।



दरअसल, राम चबूतरे की लड़ाई लड़ रहे महंत धर्मदास को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार उनको ट्रस्ट में शामिल करेगी लेकिन उनको ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया। महंत धर्मदास के गुरु बाबा अभिराम दास ने ही विवादित परिसर में रामलला की मूर्ति को रखकर प्राकट्य बताया था और उसी राम चबूतरे पर रामधुन होती थी जिसके कारण पूजा का अधिकार महंत धर्मदास ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सारे दावे को नकारते हुए सिर्फ रामलला विराजमान को ही मालिकाना हक दिया इसके साथ ही टाइटल सूट लड़ रहे निर्मोही अखाड़ा को ट्रस्ट में शामिल करने का भी आदेश दिया था। ट्रस्ट में शामिल न होने का मलाल महंत धर्मदास को है और इसलिए वह खुलकर ट्रस्ट का विरोध कर रहे हैं।