Ayodhya Mahant Dharmdas: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लगे भ्रष्टाचार का आरोप का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राम जन्मभूमि मामले में पूर्व हिंदू पक्षकार रहे महंत धर्मदास अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने हनुमान जी के दरबार में 11 दिन का अनुष्ठान किया था. हनुमानगढ़ी पर वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा सुंदर कांड का पाठ अनवरत 11 दिन चलाया गया और आज उसकी पूर्णाहुति दी गई. 


ट्रस्ट की जांच कराई जाए
धर्मदास का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में आगे की विधित कार्रवाई करने के लिए हनुमान जी से अनुमति ली गई है. ट्रस्ट पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के लोगों के द्वारा जो भ्रष्टाचार किया जा रहा है उससे आगामी दिनों में अयोध्या में संत समाज का रहना मुश्किल हो जाएगा. श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर हमलावर होते हुए महंत धर्मदास ने कहा कि जमीन खरीदने के लिए जाल बिछाया जा रहा है, कई मंदिरों को लिखवाया जा चुका है, समाज में भय व्याप्त किया जा रहा है. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और माननीय सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना है कि ट्रस्ट की जांच कराई जाए. 


 ट्रस्ट के लोगों के खिलाफ प्रचार करेंगे
महंत धर्मदास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हनुमान जी का आशीर्वाद ले कर इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे. इसी माह में हनुमानगढ़ी के मुख्य महंत निर्वाणी अनी अखाड़ा के सरपंच और राम जन्मभूमि विवाद में हिंदू पक्षकार रहे महंत धर्मदास के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में जमीन भ्रष्टाचार मामले पर अपील करने की तैयारी में है. ये इसी जुलाई माह में गुरु पूर्णिमा के नजदीक किया जाएगा. धर्मदास के सहयोगी रघुकुल संकल्प सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत दिलीप दास ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट में हमारी अपील स्वीकार नहीं की जाती है तो फिर हम जनता की अदालत में जाएंगे. जनता की अदालत में जाकर ट्रस्ट के लोगों के खिलाफ प्रचार करेंगे, उनको जनता की दरबार में लाएंगे और जनता को बताएंगे कि राम के नाम पर भ्रष्टाचार फैला रहे हैं. 


नए ट्रस्ट का गठन हो
बता दें कि, राम जन्मभूमि विवाद में हिंदू पक्षकार रहे महंत धर्मदास के गुरु स्वर्गीय अभिराम दास ने 1949 में भगवान राम लला को प्रकट कराया था और तब से ही हनुमानगढ़ी के संतों का राम जन्मभूमि पर दावा चलता आ रहा है. एक बार फिर संत समाज आंदोलित है और इस बार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद महंत धर्मदास के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा और मांग करेगा कि ट्रस्ट को भंग किया जाए. ट्रस्ट में आरोपी सभी लोगों की जांच की जाए, नए ट्रस्ट का गठन हो और ट्रस्ट के गठन में संत समाज को शामिल किया जाए. 



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