महंत नरेंद्र गिरि के निधन के मामले को लेकर सियासत भी गर्म है. कांग्रेस ने इस मामले में CBI जांच की मांग की है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जिस तरह कुछ तथ्य सामने आ रहे वो इस निधन को संदेहास्पद बना रहे हैं. ये रहस्यमय मौत है.
उन्होंने कहा कि बिना पीएम रिपोर्ट आये आखिर क्यों सरकार को जल्दी है इसे आत्महत्या करार देने की? उन्होंने कहा कि ये किसी साधु की पहली हत्या नहीं? बल्कि 21वें साधु की हत्या है. योगी राज में सबसे मुश्किल में धर्माचार्य हैं. ऐसे मामलों में परिवार की तरफ से जांच की मांग उठती लेकिन उनका परिवार तो पीठाधीश्वर और मठाधीश ही हैं जो CBI जांच की मांग कर रहे.
बीजेपी सरकार में ऐसा कौन सा रहस्य या दबाव था जो वो झेल नहीं पा रहे थे?- प्रमोद तिवारी
कांग्रेस भी उनके साथ यही मांग करती. प्रमोद तिवारी ने कहा कि न सिर्फ CBI जांच हो बल्कि कोर्ट की डिवीज़न बेंच इस जांच की मॉनिटरिंग भी करे. उन्होंने कहा कि 12 पेज का सुसाइड नोट आज तक किसी केस में मेरी जानकारी में नहीं दिखा. इससे रहस्य और गहरा रहा, एक वीडियो भी चर्चा में है. स्वामी नरेंद्र गिरि बीजेपी सरकार में उसके एजेंडे के बहुत करीब थे. एक दिन पहले ही डिप्टी सीएम भी उनसे मिल कर आये थे. बीजेपी सरकार में ऐसा कौन सा रहस्य या दबाव था जो वो झेल नहीं पा रहे थे?
तीन लोगों के नाम लिखे थे तो एक की गिरफ्तारी क्यों? - अजय कुमार लल्लू
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि वहां कोई स्टूल या ऐसी चीज नही मिली जिस पर चढ़कर फांसी लगाते. उनके साथ के कई लोगों ने बताया कि उनकी उंगलियां काम नहीं कर रही थी. हस्ताक्षर तक नहीं कर सकते थे. फिर उन्होंने इतने पन्नो का सुसाइड नोट कैसे लिखा ये सवाल है. उनके समर्थकों, भक्तों का कहना कि ये आत्महत्या नहीं. जब 3 लोगों के नाम लिखे थे तो 1 की गिरफ्तारी क्यों? काफी समय से भूमाफिया की निगाहें थी. हरिद्वार कुम्भ के समय भी उनको षड्यंत्र कर गद्दी से हटाने का प्रयास हुआ था. लल्लू ने कहा कि महंत के समर्थकों का आरोप की सत्ता में बैठे एक व्यक्ति का भी इसमे हाथ.
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