Narendra Giri Death Case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की गुत्थी अभी भी उलझी हुई है. नरेंद्र गिरि की मौत के बाद नए-नए खुलासे तो रहे हैं, लेकिन मौत अभी भी रहस्य बनी हुई है. पुलिस की जांच में 7 ऐसे किरदार सामने आए हैं जिनकी कड़ियां नरेंद्र गिरि की मौत से जुड़ी हैं. इन्हीं कड़ियों को जोड़कर पुलिस महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी है. ये वो चेहरे हैं, जिनमें से कुछ के नाम नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में हैं, लेकिन बाकी चेहरे भी सुर्खियों में हैं. इस रिपोर्ट में इन सभी चेहरों के बारे में आपको बताएंगे. 


इस रहस्य से पहला नाम जुड़ता है आनंद गिरि का. नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को कुछ वक्त पहले तक उनका उत्तराधिकारी माना जाता था, लेकिन सुसाइड नोट सामने आने के बाद नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के रिश्तों का वो सच सामने आया है, जो जांच में अहम साबित हो सकता है. नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में मौत के लिए आनंद गिरि को जिम्मेदार ठहराया गया है. उन्होंने आनंद गिरि पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. एफआईआर में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है, एफआईआर में सिर्फ आनंद गिरि का नाम है और उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है.


सुसाइड नोट में आद्या प्रसाद तिवारी का नाम
सुसाइड नोट में जो दूसरा नाम है वो है आद्या प्रसाद तिवारी का है जो बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी हैं. सुसाइड नोट और आनंद गिरि के बयान के आधार पर आद्या प्रसाद तिवारी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. आज एसआईटी आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को कोर्ट में पेश करेगी. 


आद्या प्रसाद तिवारी के बेटे संदीप तिवारी का भी नाम 
सुसाइड नोट में आद्या प्रसाद तिवारी के बेटे संदीप तिवारी का भी नाम है. संदीप तिवारी का नाम आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी के साथ लिया गया है. सुसाइड नोट में संदीप को भी मौत का जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की मांग की गई है. पुलिस संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर चुकी है.


गनर अजय सिंह पर भी संदेह
पुलिस की पूछताछ में आनंद गिरि ने खुद को निर्दोष बताते हुए नरेंद्र गिरि के गनर अजय सिंह पर उंगली उठाई है. पुलिस ने अजय सिंह को बीती रात एक बार फिर हिरासत में लेकर पूछताछ की. पुलिस कांस्टेबल होने के बावजूद अजय सिंह आलीशान जिंदगी बिताता था, उसकी सक्रियता को लेकर दूसरे लोग भी सवाल उठाते रहे हैं. कौशांबी जिले में तैनात होने के बावजूद अजय सिंह को महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में लगाया गया था. पुलिस दो बार आनंद गिरि और अजय सिंह का आमना-सामना करा चुकी है. अजय सिंह वो शख्स है जो महंत नरेंद्र गिरि के बेहद करीबियों में शामिल था और वो उनके साथ साए की तरह रहता था. 


पिछले एक साल से मठ की संपत्ति को लेकर नरेन्द्र गिरि और आनंद गिरि के बीच विवाद चल रहा था. मई के महीने में ही दोनों के बीच समझौता हुआ था. आनंद गिरि ने अपने गुरु से सार्वजनिक माफी मांग ली थी. ये समझौता लखनऊ में हुआ था और इसे अंजाम तक पहुंचाने वाले 3 लोग थे. जिनमें एडिशनल एसपी ओम प्रकाश पांडे, बीजेपी के नेता सुशील मिश्रा और समाजवादी पार्टी के नेता इंदु प्रकाश मिश्रा शामिल हैं.



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