मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हजारों की संख्या में किसान महापंचायत में जुटे. इस महापंचायत में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया और किसानों की भीड़ देखकर गदगद भी हुए. लेकिन आज इस महापंचायत में आखिरी निर्णय भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने लिया. इस मंच पर नरेश टिकैत के साथ आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी मौजूद रहे साथ ही उन्होंने, एक साथ रहकर कृषि कानून के खिलाफ लड़ाई लड़ने का ऐलान भी किया, लेकिन नरेश टिकैत ने साफ कहा कि वो आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार थे लेकिन बीजेपी के लोगों ने आंदोलन खत्म करने नहीं दिया.
कई राजनीतिक दलों ने मंच साझा किया
मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड पर हजारों की संख्या में किसान आज महापंचायत में शामिल होने पहुंचे. इस भीड़ को देख कई राजनैतिक दल मंच साझा करने भी पहुंच गए और उन्होंने किसानों की भीड़ देखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. लेकिन मंच पर मौजूद किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि इस महापंचायत की जरूरत क्यों पड़ी. यह आप सभी जानते हैं, लेकिन हमें सावधान रहना है. हमें अपना आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चलाना है. क्योंकि कुछ लोग हमारे आंदोलन को बदनाम करने की साजिश भी रच रहे हैं. वहीं, यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो किसान दिल्ली भी कूच करेंगे लेकिन आज किसान दिल्ली नहीं जाएंगे.
आपको बता दें, इस महापंचायत में आम आदमी पार्टी से लेकर सपा, बसपा, कांग्रेस, आरएलडी के नेता शामिल थे और सभी ने बारी-बारी प्रदेश और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कहा कि सरकार किसान को कमजोर ना समझे. अन्नदाता अगर हल चलाकर देश का पेट पाल सकता है तो अपने हक के लिए लड़ भी सकता है.
सतर्क रहे आलाअधिकारी
वहीं, हजारों की संख्या में पहुंचे किसानों को देखते हुए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखा. पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ साथ सीनियर अधिकारियों ने भी पैदल मार्च कर स्थिति का जायजा लेते रहे.
आपको बता दें, इस महापंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के किसान तो शामिल हुए हैं, साथ ही हरियाणा और पंजाब के किसान भी इस महापंचायत में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन जो अटकलें लगाई जा रही थीं कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन खत्म होगा तो इस महापंचायत के बाद आंदोलन खत्म होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि अब किसान कृषि कानून के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं. वहीं, यह भी साफ कर चुके हैं कि अगर प्रशासन उनके साथ जबरदस्ती या बर्बरता करता है तो वह चक्का जाम भी कर सकते हैं.
नरेश टिकैत ने भरी हुंकार
वहीं, इस महापंचायत में शामिल होने पहुंचे राजनीतिक दलों ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत को अपना समर्थन देते हुए कहा कि उनका जब भी आह्वान होगा वह तन मन धन से उनके साथ खड़े हुए नजर आएंगे.
आपको बता दें, कि इस महापंचायत में शामिल होने आए किसानों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उन्हें सड़कों पर ट्रैक्टर लगाकर इस महापंचायत में शामिल होने की उपस्थिति दर्ज करानी पड़ी. किसानों की संख्या देखकर जिला प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए थे, लेकिन किसानों ने शांतिपूर्ण ढंग से महापंचायत की और महापंचायत में जो निर्णय लिया गया उसे किसानों ने मानने का ऐलान भी किया और कहा जब भी नरेश टिकैत आवाहन करेंगे हम सभी किसान एक साथ खड़े नजर आएंगे.
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