UP News: महराजगंज (Maharajganj) जनपद में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसमें एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Centre) पर प्रसव पीड़ा से कराहते हुए महिला की डिलीवरी मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कराई गई. मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च के सहारे एक घर के चिराग ने दुनिया में अपना पहला कदम रखा है. इस घटना ने जनपद के स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता की पोल खोलकर रख दी है.
क्या है मामला
पूरी घटना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौतनवा की है. जहां सोनौली कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सुकरौली उर्फ अरघा में अपने मायके में रह रही प्रियंका को पांच अप्रैल की शाम प्रसव पीड़ा शुरू हुई. जिसके बाद परिजन उसे लेकर फौरन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौतनवा पहुंचे. स्टाफ नर्स द्वारा जांच के बाद बताया गया कि महिला की डिलीवरी फौरन करानी पड़ेगी. लेकिन उस दौरान पूरे अस्पताल में बिजली नहीं थी और अंधेरा छाया हुआ था. स्टाफ नर्स के द्वारा परिजनों से मोमबत्ती मंगाई गई और मोबाइल टॉर्च एवं मोमबत्ती की रोशनी में महिला की डिलीवरी कराई गई. अस्पताल में बिजली नहीं होने से मरीज के परिजन एवं डिलीवरी के लिए आई महिला काफी सहमे हुए थी. सकुशल डिलेवरी और रात भर अस्पताल में गुजारने के बाद महिला अब अपने घर वापस आ गई है. उसका कहना है कि अस्पताल में बिजली नहीं होने से उसे डर और घबराहट हो रही थी.
क्या बोले मरीज के पिता
मरीज के पिता महेंद्र मौर्या का कहना है कि मेरी बेटी मायके में रह रही थी. जब शाम को पांच बजे उसे दर्द हुआ, तो हम लेकर सीएससी नौतनवा पहुंचे. जब हम वहां गए तो देखा की पूरे हॉस्पिटल में अंधेरा ही अंधेरा था. ढाई तीन घंटे प्रसव पीड़ा के समय हम वहां बैठे रहे. वहां एक मैडम पहुंची उन्होंने मुझसे एक मोमबत्ती मंगाया. उस मोमबत्ती के सहारे प्रसव कराया गया. हमें वहां की व्यवस्था देखकर बहुत डर लग रहा था. अगर केस बिगड़ जाता तो हम कहां जाते, लेकिन मजबूरी में मुझे प्रसव कराना पड़ा.
क्या बोले सीएमओ
वहीं इस मामले में डॉ ए के श्रीवास्तव (सीएमओ) ने बताया कि बुधवार रात को मेरे पास एक फोन आया था कि यहां पर लाइट नहीं है. मोमबत्ती में कुछ हो रहा है, तो मैंने तुरंत एसीएमओ और वहां के इंचार्ज को इन्फॉर्म किया. उसको ठीक करवा लिया गया है.
क्या बोले प्रभारी चिकित्सक
वहीं प्रभारी चिकित्सक अमित राव गौतम ने कहा कि बुधवार शाम के समय एक प्रसव आया था., चेक करने के बाद पता चला कि डिलीवरी कभी भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में मरीज को स्टाफ द्वारा रूम में शिफ्ट किया गया. शाम का वक्त था कुछ देर बात प्रसव हो गया क्योंकि प्रसव पीड़ा में था. तो बिना एम्बुलेंस के उसे यहां से मूव करना संभव नहीं था. बिजली फाल्ट होने की वजह से आपूर्ति ठप थी लेकिन कुछ देर बाद ही इलेक्ट्रीसियन बुलाकर उसे ठीक करवा दिया गया था.
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