महाराजगंज. यूपी के महाराजगंज जिले में पुलिस ने नेपाली नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने गिरोह का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से कैश, इंकपैड, लैपटॉप और अन्य सामान बरामद किया गया है. ये कार्रवाई जिले की साइबर सेल और फरेंदा पुलिस ने मिलकर की है.


एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि 7 मार्च को सुबह 9 बजे फरेंदा दक्षिणी बाईपास पर पुलिस जांच पडताल में जुटी थी। इस बीच मुखबिर से सूचना मिला की कुछ लोग नेपाली नाग‌रिकों को टेंपो में बैठाकर कंपियरगंज भौराबारी में एक मोबाइल की दुकान पर आधार कार्ड बनवाने के लिए ले जा रहे हैं. पुलिस टीम ने दक्षिणी बाइपास पर टेंपो को रोककर पूछताछ शुरू कर दी. टेंपो में चार नेपाली महिलाएं और दो पुरूष बैठे थे. उनसे पूछताछ शुरू हुई तो सच्चाई खुलकर सामने आ गई. आधार कार्ड बनाने के दौरान नेपाली नागरिकों को भौराबारी तक आने-जाने के लिए टेंपो की व्यवस्था थी. टेंपो चालक को एक बार दुकान पर पहुंचाने के एवज में 1500 रुपया किराया मिलता था. भौराबारी में ही बिमलेश की मोबाइल की दुकान है. उसी दुकान से आधार कार्ड बनाने का धंधा चल रहा था. ‌दिलशाद सोनौली में मनी एक्सचेंज का धंधा कर रहा था. वो यहीं से आधार कार्ड बनाने का नेटवर्क चला रहा था.





सरकारी योजनाओं का लाभ उठाता था गैंग
पुलिस ने बताया कि गैंग में शामिल लोग नेपाली नागरिकों का फर्जी आधार बनवाकर बैंक में लिंक कराने के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं. अब तक सैकडों नेपाली नागरिकों का आधार बन चुका है. नेपाली नागरिकों की निशानदेही पर आरोपी बिमलेश विश्वकर्मा, दिलशाद, अमरनाथको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.


सामान और कैश बरामद
पुलिस ने आरोपियों के पास से आधार कार्ड बनाने के लिए नगद 60 हजार रुपया, 13 गांवो की मोहरे, दो इंकपैड, चार प्रिंटर, एक स्कैनर, एक फोटो बिवजन, दो कि बोर्ड, दो फिंगर स्कैनर, एक आई रेटिना स्कैनर, तीन एडाप्टर, पांच मोबाइल, जीपीएम लोकेटर, हार्ड डिस्क, कैमरा बरामद किया है.


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