महराजगंज: जेल ना जाने की गुहार लगाते हुए कई लोग देखे जा सकते हैं, लेकिन महराजगंज जिला जेल में दो सजायाफ्ता कैदियों ने पैरोल पर मिली रिहाई को लेने से इनकार कर दिया है. पैरोल मिलने के बाद दोनों कैदियों ने जेलर को पत्र लिखकर आर्थिक तंगी और बढ़ते कोरोना संक्रमण का हवाला देकर जेल में ही रहने देने की गुहार लगाई है. दोनों पिछले वर्ष भी पैरोल पर रिहा हुए थे. बताया जा रहा है कि तब कोई काम ना मिलने के कारण उन्हें कई बार भूखा तक रहना पड़ा था. फिलहाल, जेलर ने दोनों की रिहाई रोक दी है. 


बंदियों को पैरोल पर छोड़ा जा रहा है
शासन की तरफ से कोविड संक्रमण फैलने की आशंका देखते हुए जेल से बंदियों को अंतरिम जमानत और सजायाफ्ता कैदियों को 60 दिनों की पैरोल पर छोड़ा जा रहा है. जिसको देखते हुए महराजगंज जिला जेल से 76 बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं. वहीं, पैरोल के लिए सात कैदियों को चिह्नित किया गया है. इनमें घुघली के हरपुर महंथ निवासी 31 वर्षीय बृहस्पति और श्यामदेउरवा के कछरहवां निवासी 29 वर्षीय कमलेश भी हैं. 


जेल में ही रहना पसंद है
दोनों दहेज हत्या में सात-सात वर्ष के सजायाफ्ता हैं और 2017 से जेल में हैं. इस बार जब शासन की तरफ से पैरोल पर जाने का आदेश मिला तो दोनों ने ये कहते हुए जेलर को पत्र लिखकर जेल के बाहर जाने से मना कर दिया कि लॉकडाउन के कारण उन्हें बाहर कोई काम नहीं मिलेगा और जेल के बाहर उन लोगों को कोरोना का डर भी बना रहेगा क्योंकि, कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है जिसके कारण उन्हें जेल में ही रहना पसंद है. 


जेल में जो सुविधा है वो बाहर नहीं मिलेगी
कैदी कमलेश ने बताया कि वो पहले मजदूरी करता था लेकिन इस लॉकडाउन में उसे जेल के बाहर मजदूरी नहीं मिलेगी इसलिए वो जेल के बाहर नहीं जाएगा. जब सजा खत्म हो जाएगी वो तभी बाहर जाएगा. वहीं, दूसरे कैदी बृहस्पति ने बताया कि पिछले लॉकडाउन में वो पैरोल पर जेल से बाहर गया था लेकिन उसे कोई काम नहीं मिला इसलिए इस बार वो पैरोल मिलने पर भी बाहर नहीं जाएगा क्योंकि जो जेल में सुविधा है वो बाहर नहीं मिलेगी. 


जेल से बाहर नहीं जाने को लेकर लिखी चिट्ठी
जेलों में कोरोना का संक्रमण ना फैले इसको लेकर शासन ने पैरोल और अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया था जिसके बाद यूपी की जेलों से काफी संख्या में कैदियों को छोड़ा गया. लेकिन, महराजगंज जिला जेल के जेलर ने बताया कि दो कैदी जिनको पैरोल मिली उन्होंने चिट्ठी लिखकर जेल से बाहर नहीं जाने को बात कही है. 


जेल में मिल रहा है पौष्टिक भोजन
जेलर अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले लॉकडाउन में भी दोनों पैरोल पर बाहर गए थे लेकिन कोई नहीं मिला. काम ना मिलने की वजह से दोनों परिवार से उपेक्षित भी हुए थे जिसके कारण इस बार दोनों ने जेल से बाहर जाने से मना कर दिया है. जेलर ने ये भी बताया कि चूंकि उनके जेल में कोरोना के कारण काढ़ा समेत पौष्टिक भोजन कैदियों को दिया जा रहा है इसलिए ये भी कारण हो सकता है कि कैदी बाहर ना जाना पसंद कर रहे हों.


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