Maharajganj News: सोनौली बॉर्डर बना तस्करों का सेफ रूट, 90 करोड़ की चरस बरामद, इस रास्ते से आई थी सीमा हैदर
Maharajganj News: महाराजगंज पुलिस ने तीन चरणों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जिसमें 5 महिलाओं और तीन पुरुषों को 90 करोड़ की चरस के साथ अरेस्ट किया है.
Maharajganj News: यूपी के महराजगंज जिले के भारत-नेपाल सौनौली बार्डर से तीन चरणों में 10 घंटे के भीतर चरस की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसियों के सर्तक और सघन जांच के बाद भी इतनी बड़ी खेप बरामद होने से सवाल भी उठ रहे हैं. जिसे लेकर ये बार्डर चर्चा में आ गया है. पहले भी आतंकवादी भी इस रास्ते का इस्तेमाल कर चुके हैं वहीं पाकिस्तान की सीमा हैदर भी इसी रास्ते से नोएडा तक पहुंच गई थी.
गुरुवार को महाराजगंज पुलिस ने तीन चरणों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जिसमें पुलिस और एसएसबी ने 5 महिलाओं और तीन पुरुषों को 90 करोड़ की चरस के साथ अरेस्ट किया था. इनमें एक नेपाली पुरुष, तीन नेपाली महिलाएं, एक बिहार और एक कुशीनगर की महिला और बिहार के दो पुरुषों को गिरफ्तार किया गया था. इनके पास से 10 किलोग्राम, 71 किलोग्राम और 39 किलोग्राम चरस बरामद हुई थी. यानी कुल 120 किलोग्राम चरस बरामद हुई थी.
90 करोड़ की चरस बरामद
महराजगंज के एसपी सोमेन्द्र मीणा ने बताया कि 120 किलोग्राम बरामद की गई चरस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 90 करोड़ रुपये के करीब है. हैरानी की बात ये है कि गिरफ्तार की गई पांच महिलाओं में तीन नेपाल और दो भारत की रहने वाली हैं. इसमें दो बिहार के पुरुष और एक नेपाल का पुरुष शामिल है. ऐसे में तस्करों और आतंकवादियों के लिए सेफ जोन बने इस बार्डर का एक बार फिर तेजी के साथ तस्करी और आतंकी गतिविधियों का इस्तेमाल करने का खुफिया एजेंसियों को शक है.
पहले भी इस बार्डर का प्रयोग डी गैंग के गुर्गे धड़ल्ले के साथ करते रहे हैं. छोटा राजन से लेकर मिर्जा दिलशाद बेग, म्यूजिक डायरेक्टर गुलशन कुमार की हत्या करने वाले परवेज टांडा जैसे आतंकी और कई बड़े माफिया भी इसी बार्डर का इस्तेमाल कर नेपाल में शरण लेते रहे हैं. इस बार्डर से तीन दशक में पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों के अलावा खालिस्तानी आतंकी भी अरेस्ट हुए हैं. इसके साथ ही भारत में आकर रेकी करने वाले आतंकियों के भी इनपुट खुफिया एजेंसियों को बीते तीन दशक में मिल चुके हैं. गोरखनाथ मंदिर पर तीन साल पहले दो पीएसी के जवानों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी भी इसी रास्ते पहले नेपाल गया और उसके बाद आकर गोरखनाथ मंदिर में दहशतगर्दी फैलाई.
अपराधियों के लिए मुफ़ीद रास्ता बना बॉर्डर
सोनौली बार्डर के आसपास भी कई अवैध रास्ते तस्करों के नेपाल से भारत आने और जाने के लिए सेफ रूट बना हुआ है. तीनों चरणों में बरामदगी और गिरफ्तार किए गए तस्करों ने ये कुबूल किया है कि वे इस चरस की खेप को दिल्ली ले जाने वाले थे. हालांकि सुरक्षा एजेंसी इस बात की भी जांच में लगी है कि चरस की इतनी बड़ी खेप किसने मंगाई थी और इसे कहां पर खपाया जाना था.
खुफिया एजेंसियों को शक है कि नेपाल में ये चरस बाहर के खाड़ी देशों से मंगाया जा रहा है. इसके अलावा नेपाल में भी किसान नशे की खेती पर ध्यान देने लगे हैं. पहले ये पहाड़ी क्षेत्र के जिला दांग, मध्य पश्चिमी, नेपाल के कुछ हिस्सों-बझांग, बाजुओं और रोल्पा से प्राप्त किया जाता रहा है, जहां 80% से अधिक आबादी अभी भी कृषि पर निर्भर है. अब तराई के लगभग 40 विकास क्षेत्रों वारा, परसा, वीरगंज और नवलपरासी में भी इसकी खेती की जाने लगी है.
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