Maharajganj News: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की एक स्थानीय अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में मृतका के पति समेत तीन लोगों को दस-दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सहायक जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने शनिवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कोतवाली थाना क्षेत्र के पटरेंगवा गांव निवासी पुनवासी यादव और उसकी मां तथा बहन को दहेज हत्या का दोषी करार दिया.


1993 में 19 साल की श्यामा यादव की कर दी गई थी हत्या
त्रिपाठी के अनुसार, मृतका के पिता राम आसरे यादव ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दहेज की मांग पूरी नहीं कर पाने पर ससुरालवालों ने उनकी बेटी श्यामा यादव (19) की छह अप्रैल 1993 को हत्या कर दी. त्रिपाठी ने बताया कि राम आसरे ने आरोप लगाया था कि श्यामा के पति और ससुरालवाले शादी के समय दिए गए उपहारों व नगदी से संतुष्ट नहीं थे तथा उन्‍होंने श्यामा से अपने पिता पर 5,000 रुपये और एक मोटरसाइकिल देने का दबाव बनाने के लिए कहा था.


पुलिस ने दहेज अधिनियम की धाराओं में दर्ज किया था मामला
त्रिपाठी के मुताबिक, श्यामा की शादी 1987 में हुई थी और 22 फरवरी 1993 को राम आसरे को बेटी की मौत का संदेश मिला. एडीजीसी ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और दहेज अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया.


पति, सास और नंद को सुनाई 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा
 सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने श्यामा की दहेज हत्या के मामले में पुनवासी यादव और उसकी मां व बहन को दस-दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.


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