Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने दस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं लेकिन, अब भी पार्टी को इंडिया गठबंधन से आस बंधी हुई है. दावा है कि अगर अब भी सपा को गठबंधन में तीन से चार सीटें मिल जाती है तो वो अपने बाकी उम्मीदवारों के नाम वापस ले सकती है. नहीं तो मुस्लिम बहुल और उन सीटों पर जहां यूपी के लोग रहते हैं वहां गठबंधन को नुकसान हो सकता है.
सपा ने जिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों नामों का ऐलान किया है उन सीटों पर नाम वापसी की अंतिम तारीख सोमवार 4 नवंबर को है. समाजवादी पार्टी को अब भी गठबंधन से सीटों के बंटवारे को लेकर जवाब का इंतजार है. अगर बात बन जाती है तो सपा अपने बाकी उम्मीदवारों का नामांकन वापस ले सकती है. सपा का मानना है कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए पूरे विपक्ष को मजबूती से एकजुट होकर लड़ना चाहिए ताकि कम मार्जिन वाली सीटों पर नुकसान न हो.
सपा को गठबंधन के जवाब का इंतजार
सूत्रों के मुताबिक सपा की महाराष्ट्र ईकाई के नेता इस प्रयास में जुटे हुए हैं. अगर उन्हें गठबंधन के तहत 3-4 सीटें देने पर भी सहमति बन जाती है तो बाकी सीटों पर वो अपने प्रत्याशियों को वापस ले सकती है. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो सपा अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी, पार्टी के बड़े नेता भी उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई दे सकते हैं. इसके लिए यूपी से प्रचार वाहन भी भेजे जा सकते है. सपा मुंबई प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने कहा कि वो गठबंधन के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
समाजवादी पार्टी के पास महाराष्ट्र में दो विधायक है. इस बार सपा ने गठबंधन में जीती हुई दो सीटों समेत दस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. सपा मुस्लिम और यूपी के वोटरों के सहारे चुनाव में दम ठोंक रही है. ऐसे में जाहिर है एनडीए विरोधी वोट में बंटवारा हो सकता है, जिसका नुकसान इंडिया गठबंधन को ही होगा. महाराष्ट्र में यूपी की बड़ी आबादी रहती है. ऐसे में सपा के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता है.
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