मुंबई, (भाषा)। भाजपा ने रविवार को ऐलान किया कि वह महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाएगी। पार्टी ने यह फैसला सहयोगी रही शिवसेना के असहयोगात्मक रवैये के बाद किया। भाजपा के फैसले की घोषणा करते हुए महाराष्ट्र पार्टी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर विधानसभा में दोनों दलों के गठबंधन को मिले जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया। शिवसेना आधे कार्यकाल के लिए अपने मुख्यमंत्री की मांग कर रही है।


पाटिल ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से कहा, 'महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा और शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया है, लेकिन शिवसेना जनमत का अनादर कर रही है। इसलिए हमने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने का फैसला किया है। हमने अपने फैसले की जानकारी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को दे दी है।' उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थन से सरकार बनाना चाहती है तो उसे शुभकमानएं। उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन को 288 सदस्यीय विधानसभा में 161 सीटों पर जीत मिली है जो बहुमत से अधिक है।


उधर, सरकार नहीं बनाने की भाजपा की घोषणा पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि पार्टी किसी भी कीमत पर राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। राउत ने संवाददाताओं से कहा, 'महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा। उद्धव ठाकरे ने रविवार को पार्टी विधायकों से कहा कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा।' भाजपा ने रविवार को कहा कि उसके पास अकेले दम पर बहुमत नहीं है, इसलिए वह महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाएगी। राउत ने कहा, 'भाजपा का मुख्यमंत्री कैसे बनेगा, जबकि वह सरकार बनाने का दावा भी पेश नहीं कर रही है।'


वहीं, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है। भाजपा के राज्य में सरकार बनाने से इंकार के बाद कांग्रेस ने यह प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रूख को लेकर आला-कमान से सलाह लेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हम जयपुर में हैं। हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे। पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है।' चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं।