नई दिल्ली, एबीपी गंगा। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले पर सभी पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला कल तक के लिये टाल दिया गया। कोर्ट अब इस मामले की कल सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगा। कोर्ट ने गवर्नर का आदेश और समर्थन पत्र कल सुबह तक तलब किया। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को सोमवार सुबह 10:30 बजे तक फडणवीस और अजित पवार का समर्थन पत्र दिखाने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से राज्यपाल के आदेश को भी मांगा है।


शिवसेना की तरफ से सिब्बल ने अदालत में रखा पक्ष
शिवसेना की तरफ से अदालत में पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा, 'राज्य में बहुमत 145 सीटों का है। चुनाव पूर्व गठबंधन पहले आता है। लेकिन अब ये गठबंधन नहीं रहा। अब हम चुनाव के बाद के गठबंधन पर भरोसा कर रहे हैं। आधी रात को राष्ट्रपति शासन हटाया गया। बिना कैबिनेट बैठक के राष्ट्रपति शासन को हटाया गया। भाजपा के पास समर्थन है तो साबित करें। विधायकों को बुलाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। कल सुबह 5.17 बजे राष्ट्रपति शासन को निरस्त कर दिया गया और 8 बजे दो व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। क्या दस्तावेज दिए गए?'
सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि, 'जब किसी ने शाम को सात बजे घोषणा की थी कि हम सरकार बना रहे हैं, तो राज्यपाल का कृत्य पक्षपातपूर्ण, दुर्भावनापूर्ण, इस न्यायालय द्वारा स्थापित सभी कानूनों के विपरीत है। अदालत को आज बहुमत परीक्षण कराना चाहिए। यदि भाजपा के पास बहुमत है तो उन्हें इसे विधानसभा में साबित करना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं कर सकते तो हमें दावा पेश करने दीजिए। राज्यपाल कैसे आश्वस्त हुए कि फडणवीस के पास बहुमत है।' इस पर अदालत ने कहा कि अगर गवर्नर को लगता है कि किसी के पास बहुमत है तो वह उसे बुला सकते हैं।

शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी ने अपनी याचिका में राज्य में 24 घंटे के भीतर बहुमत परीक्षण का आदेश देने की मांग की है। सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि महाराष्ट्र को सरकार की जरुरत है। जब हम कह रहे हैं कि हमारे पास बहुमत है तो हम इसे साबित कपने के लिए तैयार हैं। हम कल बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं। राज्यपाल ने फडणवीस सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर तक का वक्त दिया है। हमने कर्नाटक में भी ऐसा देखा है। अगर उनके पास बहुमत है, तो उन्हें अपना बहुमत साबित करने दें।

शुक्रवार से शनिवार तक बदलता रहा सियासी घटनाक्रम
महाराष्ट्र में सियासी फेरबदल में विधायकों की भागम-भाग जारी है। फ्लोर टेस्ट से पहले सभी दल अपने-अपने विधायक बचाने में जुटे हैं। एनसीपी से बगावत करनेवाले अजित पवार बड़ी कार्रवाई की गई। अजीत पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया। जयंत पाटिल को विधायक दल के नेता के अधिकार अंतरिम तौर पर दिए गए हैं। एनसीपी ने बैठक कर कहा कि सभी विधायक हमारे साथ हैं। एक विधायक ने ट्वीट कर कहा है कि वे शरद पवार के साथ हैं। अब अजित पवार के साथ सिर्फ दो विधायक नजर आ रहे हैं। अजीत पवार पर कार्रवाई करने का अधिकार शरद पवार और जयंत पाटिल को दिया गया।



एनसीपी के विधायकों की बैठक में निम्न प्रस्ताव पारित हुए


अजित पवार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाकर पार्टी के खिलाफ बर्ताव किया है इसलिए 30 अक्टूबर को उन्हें जो विधायक दल का नेता चुना गया था उस चुनाव को रद्द किया जाता है।


अजीत पवार को विधायक दल के नेता के तौर पर हटाया गया। उनसे व्हिप जारी करने के अधिकार छीने गए।


अजित पवार पर क्या कार्रवाई की जाए इसका फैसला शरद पवार और जयंत पाटील पर छोड़ा गया।


जयंत पाटील को अंतरिम तौर पर विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी दी गई।


सक्रिय हुये उद्धव ठाकरे


इस बीच उद्धव ठाकरे की अपने विधायको के साथ बैठक हुई। उद्धव ठाकरे ने अपने विधायको को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री हमारा होगा, हमारी सत्ता आएगी। उद्धव ठाकरे ने होटल ललित जाकर सभी विधायकों से मुलाकात की। शिवसेना के सारे विधायक यहीं ठहरे हुए हैं।


एनसीपी के विधायकों को मुंबई के पांच सितारा होटल में रखा जा सकता है। खबर है कि एनसीपी के विधायकों के मुंबई के ही किसी पांच सितारा होटल में रोका जा सकता है। इसके अलावा कॉंग्रेस के विधायकों को जयपुर ले जाने की बात है, हालांकि एनसीपी की बैठक खत्म होने के बाद ही पता चल पाएगा कि विधायकों को कहां रखा जाएगा। शिवसेना के विधायक होटल ललित में ठहरे हुए हैं।


महाराष्ट्र में जारी सियासी उठा-पटक के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी दिल्ली में हैं। वे गर्वनर कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने दिल्ली आए है। वे महाराष्ट्र सदन में रुके हुए हैं।