Gopeshwar Temple: हमने अब तक भगवान शिव के बहुत से मंदिरों के बारे में सुना है और उनके अनोखे रूप से भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं, लेकिन क्या आपने गोपेश्वर महादेव मंदिर के बारे में सुना है जहां महादेव गोपी के रूप में मंदिर में वास करते हैं. जी हां, यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां महादेव गोपी के रूप में नजर आते हैं.
इस मंदिर में हर दिन श्रद्धालु पूजा करने आते हैं लेकिन महाशिवरात्रि के दिन जल चढ़ाने के लिए भक्तों की यहां लंबी-लंबी लाइनें लग जाती हैं. यह मंदिर और कहीं नहीं बल्कि वृंदावन में है. मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा ने सबसे पहले पूजा की थी. गोपेश्वर मंदिर में महादेव अपने भक्तों को दिन में दो स्वरूप में दर्शन देते हैं.
गोपेश्वर मंदिर को लेकर यह है मान्यता
इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने यहां गोपियों के साथ महारास करने का निश्चय किया और जब उन्होंने अपनी बांसुरी बजाई तो उनकी बंसी की धुन सुनकर तीनों लोक गुंजायमान हो गए और यह धुन महादेव ने भी सुनी. महादेव को यह धुन इतनी निराली लगी कि वो खुद को नहीं रोक पाए और मां पार्वती के साथ महारास में शामिल होने के लिए आ गए.
जब महादेव वहां पहुंचे तो गोपियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. गोपियों ने कहा कि हे भोलेनाथ यह महारास है और यहां श्रीकृष्ण के अलावा किसी पुरुष को प्रवेश नहीं मिलेगा. गोपियों के मना करने के बाद महादेव ने महारास में शामिल होने के लिए गोपी का वेश धारण कर लिया, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें पहचान लिया. इसके बाद श्रीकृष्ण ने महादेव को कहा कि आओ मेरे गोपेश्वर नाथ. जिसके बाद फिर श्रीकृष्ण ने भोलेनाथ के साथ मिलकर महारास किया.
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