Mahashivratri 2024: शिव की ससुराल कनखल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, हरिद्वार में महाशिवरात्री की धूम
Mahashivratri 2024: हरिद्वार के कनखल में भगवान शंकर की सुसराल दक्ष मंदिर में शिव भक्त सुबह 4 बजे से ही लाइन में लग गए थे. श्रद्धालु सुबह से लाइन में लगकर जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इतंजार कर रहे थे.
Mahashivratri 2024: भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के ब्याह का पर्व महाशिवरात्रि आज पूरे देशभर में आस्था और उत्साह के साथ मनाई जा रही है. शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा. इधर धर्म नगरी हरिद्वार में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्तो की सुबह से ही लम्बी लम्बी कतारे लगी हुई हैं. हर कोई भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए अपने-अपने तरीके से पूजा अर्चना कर रहा हैं.
हरिद्वार के कनखल में भगवान शंकर की सुसराल दक्ष मंदिर में शिव भक्त सुबह 4 बजे से ही लाइन में लग गए थे. श्रद्धालु सुबह से लाइन में लगकर अपनी-अपनी बारी का इतंजार कर रहे थे कि कब उनकी बारी आए और वे भगवान शंकर का जलाभिषेक करें. मान्यता हैं की इस दिन भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था. महाशिवरात्रि के दिन जो भक्त भोलेनाथ की सच्चे मन्न से आराधना पूजा करता हैं उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.
भगवान 'शिव' का है ससुराल
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महानिर्वाणिया अखाड़े के सचिव और दक्षिणेश्वर मंदिर के प्रबंधक श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज का कहना है कि महाशिवरात्रि का पर्व हरिद्वार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है कंकाल स्थित दक्षेश्वर महादेव भगवान शिव की ससुराल है इस दिन भक्त एक लोटा जल शिव को अर्पित करता है तो उसे पूरे साल जलभिषेक करने का फल प्राप्त होता है.
महाशिवरात्रि भगवान शिव और पार्वती के विवाह का पर्व माना गया है आज के दिन भगवान शिव का गन्ने के रस अमर बेल रस से अभिषेक किया जाता है और विशेष गंगाजल बेलपत्र और बेर शिव को अर्पण करने चाहिए. इधर, उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में शिवरात्री पर्व की धूम रही. प्रयागराज, मेरठ, कानपुर, लखनऊ सहित अन्य शहरों में महाशिवरात्री धूमधाम से मनाई गई.