Happy Mahashivratri 2024: अलीगढ़ मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर स्थित गांव सहारा में पाताल खेड़िया के समीप तीन शिवलिंग स्थापित हैं. भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने शिवलिंग स्थापित किए थे. माना जाता है कि शिव मंदिर में सच्चे मन से की गई कामना पूरी होती है. तीर्थ स्थल का दर्शन करने श्रद्धालु दूर दूर से पहुंचते हैं. बताया जाता है भगवान शिव के परम भक्त ताड़कासुर अजेय शक्तियों की ओर बढ़ रहे थे. भगवान शिव से हर रोज नए-नए वरदान पाकर महाशक्तिशाली राक्षस के रूप में कद बढ़ाने की खबर कार्तिकेय को हुई. उन्होंने देवताओं की रक्षा और पृथ्वी की शांति के लिए राक्षस ताड़कासुर का वध कर दिया. 


वध की सूचना मिलने पर भगवान शिव क्रोधित हो उठे. भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय से तीन शिवलिंग स्थापित करने की गुहार लगाई गई. कहा गया कि शिवलिंग की स्थापना से भगवान शिव का क्रोध शांत हो सकता है. शिव पुत्र कार्तिकेय ने पहला शिवलिंग श्री कुमारेश्वर महादेव, दूसरा शिवलिंग प्रतिज्ञेश्वर महादेव और तीसरा शिवलिंग कपालेश्वर महादेव के नाम से गांव सहारा में स्थापित किया. 


तीनों शिवलिंगों को गुप्त शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता है. अपार शक्तियों के रहस्य को समेटे हुए शिवलिंग भूतल से कितने अंदर हैं, इसकी परख आज तक कोई नहीं कर सका है. जानकार बताते हैं कि पुराने समय में शिवलिंगों को खोजते हुए गहराई मापने की कोशिश की गई. भूतल पर जल दिखने लगा लेकिन शिवलिंग की गहराई नहीं मापी जा सकी. 


माप तौल में इतनी चौड़ाई, इन वेदों में है उल्लेख


पूर्व में तारकवन, धर्मारण्य तीर्थ, मूजबन, सरकानन, सरकंडावन के नाम से जाना था. बाद में समयकाल के हिसाब से नाम भी बदले गये. ग्रंथों में है कि यहां प्रलंभासुर राक्षस आकर छिप गया था, जिसका वध भी यहीं किया गया था. इतिहास में भगवान शिव की तीन शिवलिंगों का उल्लेख बड़े स्तर पर किया गया है. यहां पर तीन विशालकाय शिवलिंग हैं. पहले शिवलिंग श्री कुमारेश्वर महादेव की ऊंचाई 7 फीट 4 इंच और गोलाई 7 फीट 4 इंच है. दूसरे शिवलिंग प्रतिज्ञेश्वर महादेव की ऊंचाई 6 फीट 11 इंच और गोलाई 5 फीट 8 इंच है. तीसरे शिवलिंग कपालेश्वर महादेव की ऊंचाई 9 फ़ीट 4.7 इंच और गोलाई 5 फ़ीट 7 इंच तक है. पुजारी मोहन गिरी नागा बाबा ने बताया कि यहां पर कई बार पुरातत्व विभाग की टीम आगरा से आकर अवलोकन कर चुकी है. इस जगह का दक्षिण भारत में भी स्वामी कार्तिकेय/मुरूगनस्वामी के पूजन में विशेष महत्व माना गया है. 


गुप्त तीर्थ स्थल का इतिहास साढ़े पांच हजार साल


इगलास रोड स्थित गांव सहारा के पास स्थित गुप्त तीर्थस्थल पाताल खेड़िया का इतिहास साढ़े पांच हजार वर्ष से भी ज्यादा पुराना है. इस स्थान का विश्वकर्मा पुराण, स्कंद पुराण, शिव पुराण, मुंबई प्रेस, तीर्थांकर गोरखपुर प्रेस में उल्लेख मिलता है. ग्राम प्रधान सहारा बताते हैं कि एमएलसी चौधरी ऋषिपाल सिंह के प्रयास से शिव मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है. सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री योगी ने एक करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है. धनराशि से शिव मंदिर के आसपास मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है. पर्यटकों का भी ख्याल रखा गया है. मंदिर के बराबर में एक सरोवर भी बनाया गया है. अत्याधुनिक सुविधाओं से मंदिर को लैस करने का नक्शा राम मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है. शिव मंदिर को बनाने में 5 करोड रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा. 


इस जगह महाशिवरात्रि पर आयोजित होता है मेला


शिव मंदिर के नजदीक महाशिवरात्रि पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. अब दो दिन बाद महाशिवरात्रि का पर्व आने वाला है. ग्राम प्रधान संजय चौधरी ने बताया कि व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जा रही हैं. पार्किंग स्थल से लेकर झूले चरक, मेले में लगाई जाने वाली दुकानों के लिए बिजली का खाका तैयार कराया जा रहा है. मेले में दुकानदारों को रोशनी की समस्या नहीं होगी. 


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