वाराणसी, एबीपी गंगा। महादेव की नगरी में महाशिवरात्रि का मौका हो तो भला शिव के प्रसाद भांग की महत्ता को कैसे भुलाया जा सकता है। महादेव की नगरी में भक्त पूरे साल भले ही भांग का सेवन न करें लेकिन महाशिवरात्रि पर भांग का सेवन जरूर किया जाता है। हम आपको बताते हैं क्या है भांग और इसकी महत्ता।


कहते हैं कि काशी में अगर महादेव की भक्ति पूरे तौर पर करनी हो तो उनका प्रसाद भांग का सेवन भी जरूर करना होता है, शायद ये ही वजह है कि भांग की की बिक्री आम दिनों की अपेक्षा यहां दोगुनी हो जाती है। भक्त भांग खाते हैं, ठंडाई का सेवन करते हैं और भोले की भक्ति के साथ मस्ती में डूब जाते हैं। वैसे तो भांग देश के कई हिस्सों में मिलती है लेकिन काशी की भांग को बनाने का अंदाज भी अलग है, पहले यहां भांग की पत्तियों को छाना जाता है उसके बाद गर्म करके उबाला जाता है, उबालने के बाद फिर धोकर मशीन में डालते हैं और भांग तैयार हो जाती है। बाबा विश्वनाथ की नगरी में भक्ति और मस्ती दोनों जारी है। भक्त महादेव की आराधना के साथ उनका प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।