नोएडा, एबीपी गंगा। गौतमबुद्ध नगर के सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को ब्लैकमेलिंग केस में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने मुख्य आरोपी आलोक को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी आलोक को ब्लैकमेलिंग केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री को ब्लैकमेल कर दो करोड़ रुपये मांगने की आरोपी तथाकथित एक न्यूज चैनल की महिला पत्रकार पहले ही जेल में हैं। उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। जबकि पुलिस को आलोक की तलाश थी, जिसके अब हिरासत में ले लिया गया है।
बता दें कि 22 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री डॉ.महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया। बताया गया कि एक निजी चैनल की महिला पत्रकार मंत्री को ब्लैकमेल कर रुपये ऐंठने की कोशिश कर रही है। मामला पुलिस में पहुंचते ही, आरोपी महिला पत्रकार को हिरासत में ले लिया गया। वहीं, महेश शर्मा ने भी मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान उनसे 24 मार्च को आलोक नाम का एक शख्स मिला। जिसने अपना परिचय रचना सल्यूशन कंपनी के सीईओ के रूप में दिया। उन्होंने बताया कि आलोक ने मुझसे कहा की मैं आपके चुनाव प्रचार में मदद करना चाहता हूं और अपनी पूरी टीम के साथ आपका चुनाव प्रचार करूंगा। आरोपी अलोक को समाज सेवी उषा यादव लेकर आईं, जिनसे मुलाकात के बाद हमने उन्हें अजय शर्मा जी के पास भेज दिया कि आप इनसे बात कर लें और क्या मदद कर सकते हैं इन्हें बता दें। उन्होंने बताया कि इसके बाद वो अजय के संपर्क में आया। अजय के पास उनका फोन आया, उसके बाद मेरे नंबर पर फोन आया और मुझे ब्लैकमेल करने लगा। उन्होंने बताया कि लेटर के साथ आलोक ने एक 22 वर्षीय युवती को भेजा और उस लेटर में लिखा था कि लोन के रूप में आप मुझे 8 करोड़ रुपये दो साल के लिए आसान तरीके से दे दें और मैं आपको अपने संस्थान में 40 प्रतिशत का पार्टनर बना लूंगा और मैं व मेरे लोग 60 प्रतिशत के हकदार होंगे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने पुलिस में अपनी शिकायत में बताया कि उनके पास एक फोन आया था। कुछ लोग उन्हें ब्लैकमेल कर 2 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। ब्लैकमेलर 45 लाख रुपये 22 अप्रैल की शाम तक और बाकी रकम दो दिन बाद 24 अप्रैल को देने को कह रहे हैं। यह सन्देश लेकर एक युवती आई थी। उसने एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया है कि उसके पास एक वीडियो और आडियो है। अगर पैसे नहीं मिले तो वो उसे मीडिया को दे देगा। एसएसपी ने बताया कि वीडियो चुनाव से पहले का है, जिसमे पांच छह लोग चुनाव के बारे में चर्चा कर रहे हैं। उस वीडियो में केंद्रीय मंत्री भी मौजूद हैं।
गौरतलब है कि पुलिस हिरासत में ली गई महिला पत्रकार प्रतिनिधि न्यूज चैनल की पत्रकार है। हालांकि नोटबंदी के बाद आर्थिक दिक्कतों के कारण वह चैनल बंद हो गया है। पूछताछ में पता चला है, कि इससे पहले भी इन लोगों ने कुछ हाई प्रोफाइल लोगों की वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग की है। उन सभी मामलों की जांच की जा रही है।