Magh Mela 2023: जहां एक आम इंसान की जिंदगी में कई समस्याएं होती हैं तो वहीं नागा साधु की रहस्यमयी दुनिया काफी खतरनाक होती है. जब कभी लोग नागा साधु का नाम सुनते हैं तो उनके दिमाग में सबसे पहले पुरुष नागा साधु आते हैं. हालांकि पुरुष नागा साधुओं के अलावा महिला नगा साधु भी होती हैं और इनकी दुनिया का काला सच काफी खतरनाक होता है. नागा साधु महिलाएं भी होती हैं जो निर्वस्त्र यानी बिना कपड़ों के नहीं रहती हैं.


जहां पर पुरुष नागा साधु जिस तरह का कठिन जीवन जीते हैं वैसे ही महिला नागा साधु भी कठिन तपस्या करती हैं. प्रयागराज के कुंभ या माघ मेले में आपको महिला नागा साधु दिख जाएंगी और वह संगम पर स्नान करने के बाद वहां से वापस चली जाती हैं. महिला नागा साधुओं की दुनिया काफी अलग होती है क्योंकि यह पूरे दिन भगवान का भजन करती हैं और सुबह-सुबह जल्दी उठ कर भगवान शिव का जाप करती हैं.


गेरुए रंग का वस्त्र पहनती हैं महिला नागा साधु


हर किसी का जानना होता है कि क्या महिला नागा साधु भी पुरुष नागा साधुओं की तरह बिना कपड़ों के रहती हैं. बता दें कि पुरुष नागा साधुओं की तरह महिला नागा साधु नहीं रहती है. महिला नागा साधु को कपड़े पहनने की छूट रहती है और इन्हें केवल एक ही रंग का कपड़ा पहनने की अनुमति रहती है. महिला नागा साधु गेरुए रंग का वस्त्र पहनती हैं और इसके साथ ही वह अपने मस्तक पर एक तिलक जरूर लगाती हैं. इतना ही नहीं महिला नागा साधु पुरुष नागा साधुओं की तरह नग्न स्नान नहीं करती हैं, अखाड़े के सभी साधु-संत महिला नागा साधु को माता कह कर बुलाते हैं. इतना ही नहीं महिला नागा साधुओं को नागिन, अवधूतानी कहकर भी संबोधित किया जाता है और दूसरी साध्वियां उन्हें माता कहकर पुकारती हैं.


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