महोबा: 20 साल पहले मर चुके किसान ने लिया लोन, दलालों के कारनामे से परिजन परेशान
UP News: महोबा में, एक मृतक किसान के नाम पर 4.3 लाख का किसान क्रेडिट कार्ड लोन लिया गया है. मृतक के पोते ने खतौनी निकलवाई तो इस धोखाधड़ी का पता चला. परिजनों ने मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की.
Mahoba News: महोबा जहां जिंदा व्यक्तियों किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक के चक्कर लगाने पड़ते है, वहीं बैंक में ऐसा गजब कारनामा हो गया. जिसे देख सब दंग है. यहां एक मुर्दे का किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया है. 20 साल पहले मर चुके किसान ने हाल ही में चार लाख 30 हजार रुपये का लोन लिया है. मृतक किसान के पौत्र ने जब खतौनी की नक़ल निकलवाई तो वह देखकर दंग रह गया कि दादा की मौत के 20 साल हो गए तो लोन किसने लिया. महोबा में बैंक के दलालों का अजब गजब कारनामा सामने आने से हर कोई हैरान है. परिजनों ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल मामला इंडियन बैंक की बेलाताल शाखा का है. जहां बैंक के दलालों द्वारा 20 साल पहले मर चुके किसान के स्थान पर किसी दूसरे नाम से आधार कार्ड फोटो लगाकर बैंक से 4 लाख 30 हजार रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड से लोन निकाल कर फरार हो गए. मामला उस समय खुला जब स्यावन गांव निवासी कपूरा ने अपनी जमीन वरासत कराने के लिए खतौनी की नकल निकलवाई. जिसमें उसके दादा मुलुआ के नाम से वर्ष 2022 में 4 लाख 30 हजार का किसान क्रेडिट कार्ड से लोन होने के चलते भूमि बंधक थीं. जिसे देखकर वह चौक पड़ा.
मुलुआ की 20 साल पहले मौत हो चुकी
कपूरा ने बताया कि दादा मुलुआ की 20 साल पहले मौत हो चुकी है तो फिर वे कैसे लोन ले सकते है. कई दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे परिजन बेवजह भूमि के बंधक होने और मृतक दादा के नाम से किसान क्रेडिट कार्ड से पैसा लेकर गायब होने से हैरान है . परिजनों ने मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की है.
ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन लोन और किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर कई जालसाजी के मामले सामने आते रहते है. लेकिन स्यावन गांव के मृतक किसान मुलूआ के नाम पर जिस तरह से जालसाज़ी करते हुए 4 लाख 30 हजार रुपये निकाले गए. उससे साफ है की बैंक में दलालों का एक बडा रैकेट काम कर रहा है. जो मृत किसान के कागज़ों पर किसी दूसरे की फोटो और आधार कार्ड लगाकर उनके नाम से पैसे निकालकर बैंक और मृत किसान को धोखा देने का काम कर रहे हैं.
क्या बोले बेलाताल बैंक मैनेजर
बेलाताल बैंक मैनेजर राजेश्वर वर्मा ने जब किसान के पौत्र की शिकायत पर मूलुआ की फाइल निकली तो वे फाइल देखकर दंग रह गए. क्योंकि मुलुआ की जगह किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो लगी थीं जो देखने में 35 साल के लगभग था. जालसाजों ने न केवल किसान मुलूआ के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाएं, बल्कि उसमें गांव पता भी मुलुआ का लिखवा कर केसीसी बनवा लिया और पैसे हड़प लिए. बैंक मैनेजर ने बताया कि इस मामले में फील्ड अफसर की गलती है कि लोन करते समय व्यक्ति की स्थलीय सत्यापन कर जानकारी अच्छी तरह से करनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: एक बार फिर वाराणसी में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, प्रशासन ने की एडवाइजरी जारी`