UP News: बुंदेलखंड के लोगों को योगी सरकार की सौगात, महोबा में बनेगा 200 बेड का अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर
Bundelkhand News: बुंदेलखंड के मरीजों को इलाज कराने महानगरों का रुख नहीं करना होगा. अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर के बन जाने से इलाज की सुविधा महोबा में मिल जाएगी. स्थानीय लोग सरकार के कदम से काफी खुश हैं.
UP News: बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चर्चित महोबा (Mahoba) में 200 बेड का अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर बनेगा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने भवन निर्माण के लिए वित्तीय अनुमति प्रदान कर दी है. उन्होंने एक्स अकाउंट के जरिए बताया कि 13 हजार 455.06 करोड़ रुपए लागत से ट्रामा सेंटर बनेगा. बुंदेलखंड में सरकार के कदम से खुशी की लहर है. ट्रामा सेंटर का काम शुरू करने के लिए प्रथम किश्त की 10 करोड़ धनराशि अवमुक्त करने का आदेश हुआ है.
200 बेड का अस्पताल-ट्रॉमा सेंटर बनेगा
जिला अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है. मजबूरन मरीजों को महानगरों के लिए रेफर कर दिया जाता है. स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित लोगों ने ट्रामा सेंटर बनने के बाद अच्छे इलाज की उम्मीद जताई है. उन्होंने योगी सरकार को धन्यवाद दिया है. आपको बता दें कि महोबा का जिला अस्पताल रेफर सेंटर के नाम से चर्चा में रहता है. जिला अस्पताल में लचर स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत सामने आ चुकी है. पूर्व में महोबा दौरे पर आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य सेवाओं को सही करने की तरफ इशारा किया था.
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने की घोषणा
बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकार प्रधानमंत्री मोदी को खून से खत लिखकर महोबा में एम्स की मांग कर रहे थे. अधिवक्ता चंद्रशेखर स्वर्णकार ने सोशल मीडिया के माध्यम से मेडिकल कॉलेज की मांग को आंदोलन का रूप दे दिया था. घोषणा के बाद दोनों समाजसेवी आंदोलन की पहली कामयाबी मान रहे हैं. उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज बनने की दिशा में पहला कदम है. 200 बेड का अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर होने के बाद मेडिकल कॉलेज की ओर जनपद अग्रसर होगा.
मध्य प्रदेश सहित लोकसभा चुनाव के बीच डिप्टी सीएम की घोषणा को दूसरा वर्ग बीजेपी सरकार का आम जनता की नाराजगी दूर करने का तरीका बताता है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी घोषणा हो चुकी है. इसलिए ट्रामा सेंटर बनकर तैयार नहीं होने तक खुशी को पूरा नहीं मानते. बहरहाल सरकार की घोषणा से आंदोलनकारियों और बुद्धिजीवियों समेत आम नागरिकों में खुशी है.