UP News: आपने अजय देवगन की फिल्म "Taarzan The Wonder Car" जरूर देखी होगी. फिल्म में कार जरूरत पड़ने पर आकार बदल लेती थी. मगर बुंदेलखंड में सरकारी नुमाइंदों ने फिल्मी कार को भी मात दे दी. पल्सर बाइक को ट्रैक्टर में बदलकर 185 चक्कर मिट्टी ढुलाई का काम कर दिया गया. हैरानी की बात है कि 250 रुपये प्रति चक्कर के हिसाब से 46250 रुपयों का भुगतान भी हो गया. आरटीआई कार्यकर्ता नवल किशोर ने भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया. भ्रष्टाचार करने का अजीबोगरीब मामला महोबा के नगर पंचायत कुलपहाड़ का है.


महोबा में भ्रष्टाचार का मामला सिर चकरा देगा


मामले की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता ने जिला अधिकारी मृदुल चौधरी से की. उन्होंने जांच के बाद कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं. मामला सामने आने पर अधिकारियों के होश फाख्ता हैं. आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि तालाब की सिल्ट सफाई के नाम पर मेजरमेंट और मजदूरों की हाजिरी में हेरफेर की गई.


उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से खुलासा हुआ कि UP 95 M 0507 नंबर का ट्रैक्टर नहीं बल्कि बाइक है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से तालाब की सिल्ट सफाई के काम में आपसी सांठगांठ का मामला उजागर होता है. नगर पालिका हों या नगर पंचायत या फिर ग्राम सभाएं कमोबेश सभी की सभी कागज की बाजीगरी में खासे निपुण हैं.




जालसाजों ने पल्सर बाइक को ट्रैक्टर में बदला


दीगर बात है कि कागजी महल बनाने में कुलपहाड़ नगर पंचायत ने बाकी सभी को पीछे छोड़ दिया. तालाब की सिल्ट सफाई के काम में लगी बाइक को ट्रैक्टर दिखाकर सरकारी राशि का बंदरबांट हो गया. कागजों में 185 चक्कर मिट्टी की ढुलाई दिखाया गया. 250 रुपये प्रति चक्कर के हिसाब से 46250 रुपयों का भुगतान भी विभाग ने बिना जांच पड़ताल किए कर दिया. जिलाधिकारी ने सरकारी राशि के गबन की जांच करने का आदेश जारी कर दिया है. अब देखना होगा कि मामला ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया जायेगा या आरोपियों पर कार्रवाई भी होगी. 


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