Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल में स्टाफ की बड़ी लापरवाही से महिला मरीज की जान पर बन आई. जहरीले पदार्थ का सेवन करने वाली महिला मरीज का इमरजेंसी में इलाज करने के बाद टीबी वार्ड में भर्ती कर दिया गया और इतना ही नही टीबी का इलाज कर उसे चार इंजेक्शन भी लगा दिए गए. 24 घंटे टीबी वार्ड में भर्ती होने के चलते उसकी हालत बिगड़ गई. फिलहाल प्रभारी सीएमएस इस मामले में जांच कराकर कार्यवाही की बात कर रहे है.


दरअसल पनवाड़ी ब्लॉक के तेइया गांव में बीते गुरुवार की रात को 60 वर्षीय महिला ढक्की ने घरेलू विवाद के चलते जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया. जिसे परिजनों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पनवाड़ी से जिला अस्पताल में लाया गया था. जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में महिला का इलाज किया गया और उसके बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के चलते महिला को टीबी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि मरीज को टीबी वार्ड में भर्ती करने के बाद इलाज में 4 इंजेक्शन लगाए गए जिससे उसकी हालत विगड़ गई.  


क्या बोले पीड़ित के परिजन
परिजनों ने बताया कि इमरजेंसी में अच्छा इलाज किया गया और उसके बाद टीबी वार्ड में शिफ्ट कर दिया. स्टाफ की लापरवाही के चलते टीबी का इलाज कर बोतल चढ़ाने और चार इंजेक्शन लगाए जाने का आरोप भी परिजनों ने लगाया है. जिससे उसकी तबीयत और खराब हो गई और उसे उल्टियां भी होने लगी. महिला की बहन किरन देवी बताती है कि बीती गुरुवार को बहन ने एसिड पीकर जान देने की कोशिश की थी. जिसे देर रात इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए थे. मगर उसे टीबी वार्ड में भर्ती कर इलाज किया गया.


24 घंटे तक टीबी वार्ड में भर्ती रहने और इलाज से उसकी हालत बिगड़ गई. आज जब किरन अपनी बहन की तबीयत का हाल चाल जानने आई तो उसे टीबी वार्ड में भर्ती देख उसके होश उड़ गए. तब अस्पताल स्टाफ ने मौके पर आकर पता किया तो जानकारी हुई कि लापरवाही के चलते महिला को टीबी वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था. आनन फानन में अपनी गलती देख महिला मरीज को तत्काल आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है.


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क्या बोले सीएमएस डॉ नरेंद्र राजपूत
वहीं जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ नरेंद्र राजपूत ने बताया कि एक महिला को रात में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. जिसका इलाज किया गया और स्थिति ठीक होने पर वार्ड में शिफ्ट किया गया. जो गलती से टीबी वार्ड में शिफ्ट हो गई. जिसे राउंड पर गए डॉक्टर ने देखा और आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया. इस मामले में स्टाफ की गलती सामने आई है. जिसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.