UP News: महोबा जिला अस्पताल (Mahoba District Hospital) में किस कदर लापरवाही बरती जा रही है इसका एक नजारा गुरुवार को देखने को मिला जहां चींटियों के काटने से एक नवजात (New born dies) की मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि डॉक्टर अपनी नींद के आगे किसी की नहीं सुन रही थी, जब उनसे बेड पर चींटी होने की शिकायत की गई तो उन्होंने दुत्कार कर भगा दिया था. वहीं, परिवार ने डॉक्टर पर 6500 रुपये रिश्वत लेने के भी आरोप लगाए हैं. हंगामे के बाद सीएमएस ने जांच के आदेश दिए हैं जबकि एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर परिवार को समझाबुझा कर शांत कराया.


बता दें कि इसी अस्पताल में पिछले दिनों मरीज को खून की जगह ग्लूकोज में लाल रंग की दवा मिलाकर चढ़ा दी गई थी और इतना ही नहीं इसके लिए 5000 रुपये की रिश्वत भी ली गई थी, जिसे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने गंभीरता से लिया था. वहीं, इसके बावजूद अस्पताल लगातार लापरवाही बरत रहा है जिसका खामियाजा यहां एक नवजात को भुगतना पड़ा. 


जन्म लेते ही बीमार हो गया था नवजात


बताया जाता है कि कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के मुढारी गांव का रहने वाला सुरेंद्र रैकवार 30 मई को अपनी गर्भवती पत्नी सीमा को लेकर यहां आया था. डिलीवरी के नाम पर डॉक्टर ने उनसे 6500 रुपये लिए थे. जन्म के बाद नवजात की सेहत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उसे विशेष नवजात देखभाल वार्ड में भर्ती कर दिया गया. ऐसा आरोप है कि डॉक्टर ने सफाई का ध्यान नहीं रखा. बेड पर चींटियां थीं और उन्होंने बच्चे को इस कदर काटा कि वह और बीमार हो गया. 


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बेड पर चींटी मिलने की शिकायत को किया अनसुना


परिवार के लोग बताते हैं कि बेड पर चींटी होने की शिकायत ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ को दी गई थी लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. उनका आरोप है कि महिला डॉक्टर अपनी नींद के आगे किसी की नहीं सुन रही थी, वह बार-बार परिजनों को दुत्कार कर भगा रही थी. बच्चे की मौत से परिजनों में इखासा आक्रोश है और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उधर, सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और एसडीएम (सदर) जितेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया है.