UP News: महोबा जिले के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों ने छात्रों के पढ़ने के लिए भेजी गई सरकारी किताबों को रद्दी के भाव कबाड़ी को बेंच दिया है. बच्चों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ से शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. कबाड़ी की दुकान पर सरकारी किताबों का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. प्राइमरी स्कूल की किताबों को कबाड़ में बेंचने के सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दोषी अध्यापकों के खिलाफ जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की बात कही है.


यूपी सरकार की मंशा शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूर है, मगर विभाग के जिम्मेदार ही शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने से बजा नहीं आ रहे. जिन किताबों से बच्चों का भविष्य बनता है उन्हें कबाड़ की दुकान पर बेंच दिया गया. पांच बोरों में भर कर सरकारी प्राथमिक विद्यालय की किताबो को कबाड़ी को बेच दिया गया है. यह किताबें छात्रों को पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल भेजी गई थी. लेकिन स्कूल के अध्यापकों ने इन किताबों को रद्दी के भाव कबाड़ी को बेच दिया गया है. कबाड़ की दुकान पर पड़ी किताबें खुद विभाग की लापरवाही को उजागर कर रही हैं.


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क्या बोले अधिकारी?
जब जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा को सरकारी किताबें रद्दी में बेचने की बात बताई गई तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए जांच कमेटी दी. उन्होंने जांच करवा कर दोषी अध्यापकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. दरअसल, महोबा जिले में पनवाड़ी ब्लाक के किल्हौवा गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल में इसी शिक्षा सत्र में नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को पढ़ने के लिए सरकारी किताबे भेजी गई थी. लेकिन छात्रों को किताबे बांटने के बजाय इस स्कूल के अध्यापकों ने कुछ रूपए के लालच में सरकारी किताबों को पांच बोरो में भर कर कबाड़ी को बेच दिया है.


सरकारी किताबें कबाड़ी को बेचने की सनसनीखेज घटना सामने आने के बाद जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. वहीं लोग कह रहे हैं कि लालची अध्यापक बच्चों का भविष्य ही कबाड़ में बेचे दे रहे हैं. कबाड़ की दुकान पर बड़ी मात्रा में सरकारी किताबों को देख जागरूक ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया है. शिक्षा विभाग की करनी कथनी को उजागर कर कार्यशैली पर सवाल खड़े किये हैं.


जांच के आदेश
बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि जो बाते संज्ञान में आई हैं. उसके लिए हमने अपने खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र भी जारी किया है. उन्हें निर्देशित किया गया है कि तत्काल इस मामले में रिपोर्ट दें, जैसे ही रिपोर्ट आती है उस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. बच्चों के विकास का मामला है और भारतीय संविधान में उन्हें मौलिक शिक्षा का अधिकार है. अगर ऐसा कुछ हो रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, दोषी को बख्सा नहीं जाएगा.