महोबा: इलेक्ट्रॉनिक तीर से हुआ पूतना राक्षसी का वध, निभाई गई 24 साल पुरानी परंपरा
UP News:महोबा के बेलाताल कस्बे में 24 वर्षों से लगातार दीपावली के बाद पूतना वध की परंपरा का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष भी यह आयोजन भव्य रूप से संपन्न हुआ. आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी
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Mahoba News: महोबा जनपद के बेलाताल कस्बे में प्रत्येक वर्षों की भांति इस वर्ष भी पूतना वध का भव्य आयोजन किया गया. बुंदेली संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी. पौराणिक मान्यता और परंपरा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण द्वारा पूतना राक्षसी का वध करने की कथा का जीवंत मंचन प्रस्तुत किया गया. जिसे देख भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला है. इलेक्ट्रॉनिक तीर मारकर विशालकाय पूतना राक्षसी का पुतला जलाया गया.
आपको बता दें कि 24 वर्षों से लगातार जनपद के बेलाताल कस्बे में दीपावली पर्व के बाद पूतना वध की परंपरा को लोग निभाते चले आ रहे हैं. बुंदेली संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित पूतना वध मेले में जनपद नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की बड़ी भीड़ यहां जुटती है.कस्बे के छैमाई माता मंदिर में आयोजित पूतना राक्षसी वध की परम्परा वर्ष 2000 से लगातार चली आ रही है. जहां पूतना राक्षसी वध से पहले मोनिया और दिवारी नृत्य प्रतियोगिता भी कराई जाती है.
विशालकाय पुतला आकर्षण का केंद्र रहा
ग्रामीण क्षेत्रों की अलग-अलग टोलियां इसमें सहभागिता करती हैं. जिन्हें मेला समिति द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाता है.वही धार्मिक मंदिर परिसर के चारों तरफ मेले में सजी दुकानों के कारण मेला और भव्य रहा. शाम होते होते भगवान कृष्ण द्वारा पूतना राक्षसी वध की कथा का जीवंत रूप प्रस्तुत किया गया.मेले में पूतना का विशालकाय पुतला आकर्षण का केंद्र रहा. जिसे इलेक्ट्रॉनिक तीर छोड़कर जलाया गया.जिसके चलते ही आंख की चिंगारियां के साथ पटाखे की आवाज देर तक गूंजती रही.
श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण के जयकारे लगाएं
पूतना वध होते ही मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण के जमकर जयकारे लगाएं.जिससे वहां मौजूद लोगों में खासा उत्साह और भक्ति का संचार देखने को मिला. दो दिवसीय इस मेले के आयोजित होने से जहां क्षेत्रीय दुकानदारों को लाभ पहुंचता है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग इस धार्मिक आयोजन में शामिल होकर आनंद उठाते हैं.जहां विशाल मेला में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिसमें मोनिया और दिवारी नृत्य प्रतियोगिता भी कराई गई है.
क्या बोले कमेटी के अध्यक्ष सतीश राजपूत
मेला कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर सतीश राजपूत ने बताया कि यह मेले का 24वाँ वर्ष है. इस मेले को विस्तार देने की कोशिश की जाती है.मगर इसमें शासन प्रशासन की कोई मदद नहीं मिलती.यही नहीं मेला परिसर में पेयजल की समस्या यहां आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए परेशानी का कारण बनती है जबकि किसको लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता.इस धार्मिक मेले के आयोजन में जुटने वाली भीड़ के मद्देनजर स्थानीय पुलिस बल भी मुस्तैद रहा और मेला चौकी बनाकर सुरक्षा व्यवस्था की गई.
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