Mahoba News: महोबा में किसानों ने मौसम के चलते खराब हुई फसलों का मांगा मुआवजा, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
UP News: महोबा में मौसम की मार से बर्बाद हुई दलहन की फसलों को लेकर किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों ने तहसील परिसर में चार सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया है.
Mahoba News: महोबा में मौसम की मार से बर्बाद हुई दलहन की फसलों को लेकर किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसान पाला पड़ने से चना और मटर की बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग के अलावा बुंदेलखंड की सबसे महत्वपूर्ण फसल मटर को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाने की मांग कर रहे है. हाथों में खराब फसल लेकर आए किसान बर्बाद हुई फसलों से हताश और परेशान हैं. जिस पर जिलाधिकारी से फसलों के नुकसान का आंकलन कराकर मुआवजा दिलाये जाने की मांग की गई.
बुंदेलखंड के महोबा में मौसम की मार और अत्यधिक ठंड के कारण खेतों में खड़ी मटर और चना की फसल में बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है. फसलों के बर्बाद हो जाने से किसान हताश और परेशान हैं. यही वजह है की बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए किसान तहसील परिसर में प्रदर्शन करने पहुंचे.किसानों ने धरना देते हुए बर्बाद हुई दलहन की फसल की मुआवजा के अलावा अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. किसान चंद्रभूषण, विश्वनाथ, मनोहर सिंह राजपूत, टंटापाल, मोहनलाल आदि किसानों ने जिलाधिकारी को संबोधित चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है.
ज्ञापन में किसानों ने कहा है, कि पूर्व में अपनी मांगों को लेकर किसान 42 दिन लगातार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. मगर अभी भी किसानों की कई मांगे ऐसी हैं, जो पूरी नहीं की गई. अब इस दरमियान खराब मौसम के कारण मटर और चना की फसल बर्बाद हुई है. इसलिए किसान हाथों में खराब फसल लेकर तहसील में मदद की गुहार लगाने आए हैं. उनकी मांग यह है कि खेत में खड़ी खराब मटर और चने की फसल का आंकलन कराकर उनके नुकसान की भरपाई की जाए. यही नहीं इसके अलावा कृषि उत्पादों को मुक्त व्यापार समझौता से दूर किए जाने की भी मांग की गई है.
विदेशों से आयात होने से किसानों को घाटा
भारत सरकार ने मुक्त व्यापार समझौता के अंतर्गत कनाडा तथा अन्य देशों से मटर खरीद की है. जिसका असर बुंदेलखंड के किसानों पर पड़ रहा है. क्यों बुंदेलखंड में मटर की फसल की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है. ऐसे में अन्य देशों से मटर का आयात किया जाना यहां की फसल के दामों को घटा रहा है. जिसका असर किसानों की मेहनत पर पड़ रहा है. यहां की मटर कम दामों में बाजार में बिकने के कारण किसानों को उनकी मेहनत भी नसीब नहीं हो पा रही ऐसे में किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि बुंदेलखंड की सबसे महत्वपूर्ण फसल मटर को एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाकर ₹8000 प्रति कुंतल किया जाना चाहिए.
इसके अलावा किसानों ने पूर्व में एमएसपी के अंतर्गत खरीदी गई चना,लाही ,मसूर की फसल खरीद में हुई धांधली के मामले की पुनः जांच कराए जाने की मांग की है, और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग जिलाधिकारी से की गई.
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