Mahoba Farmer News: महोबा जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर पानी दो या फांसी दो के नारे लगाकर किसानों ने अपनी फसलों की सिंचाई के लिए तालाब से पानी लेने की मांग की. महोबा सदर तहसील के महोबा सहित मौजा रहलिया, मिरतला और बम्होरी के किसान रहलिया तालाब और उससे जुड़ी हुई नहर से पानी लेकर अपने खेत की सिंचाई करते थे. अब अचानक प्रशासन द्वारा रहलिया तालाब से सिंचाई करने पर पाबंदी लगा दी गई. प्रशासन की इस रोक से किसानों में हड़कंप मच गया.


3 मौजा के किसानों को हो रही दिक्कत


किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के दावों के बीच सिंचाई के लिए पानी न मिलने से किसान खासा हताश दिखाई दिए. सपा नेता योगेश यादव के नेतृत्व में इकट्ठा हुए किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम को एक लिखित प्रार्थना पत्र देते हुए तालाब से सिंचाई करने की अनुमति दिए जाने की मांग की. किसानों का कहना है कि वह वर्षों से इसी तालाब से अपने खेतों की सिंचाई करते चले आ रहे हैं. अब प्रशासन द्वारा तालाब से सिंचाई के लिए पानी लेने पर रोक लगा रखी है. इस वजह से 3 मौजा के किसानों के सामने खेतों की सिंचाई करने की समस्या आ गई है.


फसलों की सिंचाई ना होने के कारण किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएगा. किसानों के पास खेती के अलावा अन्य कोई स्रोत जीवनयापन का नहीं है. ऐसे में किसानों के सामने परेशानियां खड़ी हो रही है. किसान बताते हैं कि अन्ना जानवरों से किसान पहले से ही परेशान हैं उनकी फसलों को काफी क्षति हो रही है. ऊपर से प्रशासन कोण में खाज की स्थिति उत्पन्न कर रहा है. तालाब से पानी लेने पर रोक लगाए जाने से किसानों के सामने अब फसलों की सिंचाई करने की भी समस्या आ गई है.


पानी दो या फांसी दो के नारे लगे


इसे लेकर डीएम से तालाब से पानी लेने की गुहार लगाई जा रही है. इस दौरान किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुए "पानी दो या फांसी दो" के नारे लगाए. समाजवादी पार्टी के नेता योगेश यादव और किसान चरणदास प्रजापति बताते हैं कि वर्षों से रहलिया तालाब से ही खेतों की सिंचाई की जा रही है. किसान इसकी सींच भी अदा करता है, लेकिन अब प्रशासन द्वारा पानी लेने पर ही रोक लगा दी गई. किसान अपनी फसल को बो चुका है. यदि ऐसे में अब पानी नहीं मिला तो पूरी फसल ही बर्बाद हो जाएगी और अन्नदाता ही दाने-दाने को मोहताज हो जायेगा.


इस पूरे मामले को लेकर डीएम मनोज कुमार ने कहा कि ऐतिहासिक सूर्य मंदिर से जुड़ा रहलिया तालाब का पानी पर्यावरण प्रोडक्शन के लिए है. यहां पर्यटन विकास के कार्य चल रहे हैं, जिससे प्रवासी पक्षी और पर्यटक आते हैं उसके लिए उसका संरक्षण किया जा रहा है, उसका पूरा प्लान बना हुआ है. उन्होंने कहा कि किसानों को इस बावत बताया गया था. वही सिंचाई साधन के लिए तालाब खोदने की स्कीम चालने पर भी जोर दिया गया था. किसानों को सिंचाई के लिए समस्या आ रही है, उसके निदान के लिए आगे एसडीएम को कार्रवाई के लिए जांच सौंपी गई.


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