UP News: महोबा (Mahoba)में 42 दिनों से धरना पर बैठे किसानों के सब्र का बांध टूट गया. उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर गेट बंद कर दिया. अधिकारियों की गाड़ी का घेराव कर जमकर नारेबाजी भी की. प्रदर्शन की अगुवाई बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने की. किसान आज आर पार की लड़ाई के मूड में दिखाई दिए. तीन घंटे तक किसान कलेक्ट्रेट का घेराव किए रहे. मेन गेट पर बैठे किसानों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. गेट से बाहर निकल रहे अधिकारियों के वाहनों को रोक दिया गया. किसानों ने चेतावनी दी कि मांग पूरी नहीं होने तक कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को एंट्री नहीं मिलेगी. कलेक्ट्रेट के घेराव की सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक सत्यम पहुंचे.


तीन घंटे तक किसानों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव


एहतियातन कई थानों से पुलिस फोर्स को बुला लिया गया. किसान नेता विमल शर्मा ने बताया कि पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 42 दिनों से सदर तहसील में धरना दे रहे हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत किसानों को क्लेम की राशि नहीं मिल रही है. एमएसपी पर बेची गई फसलों का भुगतान समय से नहीं हो रहा है. बुंदेलखंड की सबसे अहम फसल मटर को एमएसपी के दायरे में लाने की भी मांग शामिल है. बुवाई नहीं होने पर इस बार मुआवजा और मंडी में हुई कालाबाजारी पर कार्रवाई किए जाने की मांग किसानों ने की है.




42 दिनों से जारी धरने को समाप्त करने का एलान


करीब तीन घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने वार्ता का रास्ता निकाला. डीएम मृदुल चौधरी ने किसानों की जिला स्तरीय सभी मांगों को पूरा करने पर सहमति जताई. उन्होंने कालाबाजारी में शामिल प्राइवेट फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए. किसानों की मांग पर चना खरीद में हुई धांधली के आरोपी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने वार्ता के बाद धरना को समाप्त करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने आंदोलनरत किसानों की मांग पूरी कर ली है. 




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