UP News: महोबा (Mahoba) के महिला जिला अस्पताल (Jila Hospital) में रिश्वतखोरी और लापरवाही इस कदर है कि अपना इलाज कराने पहुंची गर्भवती महिलाओं को 46 डिग्री तापमान की धूप में जाम लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा. गर्भवती महिलाओं ने अस्पताल के बाहर ही मानव श्रृंखला बनाते हुए अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही और रिश्वतखोरी पर लगाम लगाए जाने की मांग की है. इस मामले में अब जांच के बाद कार्रवाई की बात की जा रही हैं. जबकि यहां आने वाली महिला मरीजों को आए दिन हो रही समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही.
विवादों में रहा अस्पताल
बुंदेलखंड के महोबा में 46 डिग्री तापमान में महिला अस्पताल के बाहर गर्भवती महिलाओं को जाम लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा. यूपी सरकार स्वास्थ्य महकमें को बेहतर व्यवस्थाएं रखने के लिए आए दिन निर्देश दें रही है. मगर रिस्वतखोरी, सुविधा शुल्क और लापरवाही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को घुन लगाने का काम कर रही है. दरअसल, ऐसा ही मामला महोबा के महिला जिला अस्पताल में देखने को मिला. हमेशा विवादों में रहने वाले महिला अस्पताल में इलाज के नाम पर पैसों की मांग करने का यह कोई पहला मामला नहीं है. यही नहीं महिला मरीजों को अक्सर बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं.
जांच के लिए मांगा पैसा
हद तो तब हो गई जब मंगलवार की सुबह आठ बजे से अपने इलाज के लिए पहुंची बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं को इलाज मिलना तो दूर वहां मौजूद अस्पताल स्टाफ द्वारा उन्हें देखा तक नहीं गया. ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली गर्भवती महिलाएं अपनी जांच को लेकर महिला अस्पताल पहुंची थी. लेकिन यहां जांच के नाम पर पैसों की मांग होता देख गरीब तबके की महिलाएं परेशान हो गई. कई घंटों तक लाइन में लगने के बावजूद भी अस्पताल में न तो इलाज मिला और ना ही डॉक्टर द्वारा इनकी कोई जांच की गई.
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कार्रवाई की हुई मांग
इसी बात से नाराज होकर तकरीबन दो दर्जन गर्भवती महिला अस्पताल के बाहर सड़क पर सभी महिलाओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. महिलाओं द्वारा जाम लगाए जाने से तकरीबन 3 दर्जन से अधिक छोटे-बड़े वाहन सड़क में फंस गई. गर्भवती महिलाएं और उनके तीमारदारों ने सड़क पर जाम लगाते हुए अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर जमकर नारेबाजी की. महिला श्रृंखला बनाकर भ्रष्टाचार की शिकायत महिलाओं ने की और पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी गर्भवती महिलाओं ने की है. तकरीबन एक घंटा तक महिला अस्पताल के बाहर इस तपती धूप में महिलाएं जाम लगाए खड़ी रही.
बीजेपी नेता ने खुलवाया जाम
यहां से गुजर रहे बीजेपी के नेता राहुल अग्रवाल ने महिलाओं की समस्याओं को देखा और तत्काल आश्वासन देते हुए जाम खुलवा दिया. पूरे मामले में सीएमएस से बात करते हुए कार्रवाई की मांग की गई. इन महिलाओं और तीमारदारों का कहना है कि आए दिन महिला अस्पताल में इलाज और जांच के लिए गर्भवती महिला आती हैं. लेकिन उनके साथ ना तो सही व्यवहार किया जाता है और ना ही इलाज के नाम पर उन्हें कोई सुविधा मिल पाती है. हर काम के एवज में पैसे की मांग महिला अस्पताल में चल रही है और बाहर की दवाई लिखना तो आम बात है.
क्या बोले सीएमएस?
वहीं इस पूरे मामले को लेकर महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. डी. के. सुल्लेरे ने रटा रटाया जवाब देते हुए शिकायत पर जांच करने की बात कही है. उनका कहना है कि महिलाओं का कहना था कि जांच नहीं हो रही है. हमने कह दिया है और अब जांच हो रही है. अवैध वसूली को लेकर वो शिकायत देंगी तो उसके खिलाफ भी हम कार्रवाई करेंगे. हमने सबको नोटिस दे दिया है कि कोई भी बाहर से दवा न मंगवाए और ना ही बाहर से जांच करवाने के लिए कहे.
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