UP News: महोबा (Mahoba) में बारिश के कारण एक कच्चा मकान गिर (House Collapsed) जाने से मां-बेटी मलबे में दब गए. परिजनों की चीख पुकार सुन ग्रामीण मौके पर पहुंचे जहां तकरीबन आधे घंटे तक मशक्कत करने के बाद मां-बेटी को मलबे से बाहर निकाला गया. हालांकि तब तक मलबे में दबकर सात साल की बेटी की मौत हो गई थी जबकि उसकी मां को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. घटना का निरीक्षण लेखपाल और कानूनगो ने करते हुए सरकारी मदद और मुआवजे का भरोसा भी दिया है.


रक्षाबंधन पर मायके आई थी पीड़ित महिला


यह घटना महोबा के बीजानगर गांव में हुई है. यहां रामधनी पाल की बेटी रामदेवी रक्षाबंधन पर अपने ससुराल से बेटे दीवान (8) और बेटी बिट्टो (7) के साथ आई हुई थी. वह अपने पिता के खेत में बने मकान में खाना बना रही थी जबकि पास में ही उसकी बेटी बिट्टो खेल रही थी जबकि बेटा दीवान मकान के बाहर खेल रहा था. अचानक जर्जर हो चुका कच्चा मकान भरभरा कर गिर पड़ा. इसके पहले रामदेवी कुछ समझ पाती बच्ची सहित वह मलबे में दब गई. चीख-पुकार सुन परिवार और ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए, सभी ने आधे घंटे तक मशक्कत कर मां-बेटी को मलबे से बाहर निकाला लेकिन तब तक बिट्टो की मौत हो गई थी, जबकि रमादेवी को जिला अस्पताल ले जाया गया. 


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प्राकृतिक आपदा में मौत पर इतनी मिलती है सहायता राशि


सूचना मिलते ही राजस्व लेखपाल और कानूनगो ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और नुकसान का आंकलन किया. पुलिस ने मासूम के शव को कब्जे में ले लिया गया और पंचनामा भर पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है. बच्ची की मौत हो जाने से उसके परिवार में कोहराम मचा है. कानूनगो सूर्य प्रकाश पाल ने बताया कि बारिश के कारण कच्चा मकान जर्जर हो चुका था जिससे यह हादसा हुआ है. इस दैवीय आपदा के लिए शासन द्वारा मृतक परिवार को चार लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है जिसके लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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