Mahoba Murder Case: महोबा जिला अदालत ने ग्राम प्रधान की हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया है. तीन वर्ष पूर्व दिनदहाड़े ग्राम प्रधान की हुई हत्या मामले में अदालत ने आरोपी पिता-पुत्र समेत नौ लोगों को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को पर 2 लाख 53 हजार रुपए का अर्थदंड की लगाया है. 


दरअसल जिले के जैतपुर ब्लॉक में आने वाले अकौनी गांव का यह मामला है. चुनावी रंजिश में ग्राम प्रधान पर लाठी डंडों से हमला कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वर्ष 2020 की 11 अक्टूबर को घटित इस हत्याकांड से इलाके में दहशत फैल गई थी. दिनदहाड़े प्रधान की हत्या होने से कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए थे. वारदात वाले दिन गांव में घरौनी बनाने के लिए सरकारी ड्रोन सर्वे का काम चल रहा था. 


इस कार्य के दौरान ग्राम प्रधान राजू कुशवाहा भी मौजूद थे. तभी गांव के सुखराम,ब्रजेंद्र,कल्लू और कालीचरण समेत अन्य लोग वहां पहुंचे और चुनावी रंजिश के चलते ग्राम प्रधान राजू कुशवाहा पर हमलावर हो गए. सभी ने लाठी डंडों से उस पर प्रहार करना शुरू कर दिया यहीं नही अचानक देखते ही देखते गोली चला दी गई.


पुलिस ने 9 लोगों को बनाया था आरोपी
इस प्राणघातक हमले में मारपीट और गोली लगने से ग्राम प्रधान की मौत हो गई. जिस पर पुलिस ने नामजद 9 लोगों के खिलाफ हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. तीन वर्ष बाद आखिरकार मृतक ग्राम प्रधान के परिवार को न्याय मिला है. अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर प्रथम राजीव कुमार पालीवाल एनआर हत्या के मामले में सुनवाई करते हुई सजा सुनाई है. 


10 साल की कारावास से किया दंडित 
मुकदमें की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दिनेश सिंह और सहायक शासकीय अधिवक्ता सुरेंद्र राजपूत बताते है कि सभी 9 अभियुक्तों सुखराम उसके पुत्र बृजेंद्र, कल्लू उर्फ कालीचरण, लोचन, गंगाचरण, राजू, ब्रजमोहन, जय सिंह निवासी ग्राम अकौनी साथ ही कल्लू उर्फ शेलेंद्र निवासी ग्राम बिलरही को दस वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई. न्यायालय ने सभी पर 2 लाख 53 हजार का जुर्माना भी लगाया है जिसके अदा न करने पर अतिरिक्त सजा अभियुक्तों को भुगतनी पड़ेगी.


ये भी पढ़ें: Ramlala Pran Pratishtha: रामलला प्राण प्रतिष्ठा में काशी की मुख्य भूमिका, 54 वैदिक विद्वानों का दल अयोध्या के लिए रवाना