यूपी में पीएम मोदी की इस योजना पर बट्टा लगा रहा प्रशासन? शिकायत से मचा हड़कंप, भ्रष्टाचार का आरोप
UP News: महोबा में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत चयनित महिलाओं और युवतियों को मिलने वाली निशुल्क सिलाई मशीन का वितरण नहीं किया गया. मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल में की गई है.
Mahoba News: योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति बुन्देलखण्ड के महोबा जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है. साल 2021 में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत चयनित लाभार्थियों का प्रशिक्षण कराने के बाद शासन द्वारा निर्धारित निःशुल्क मशीनों का वितरण नहीं किया गया. मामला संज्ञान में आने के बाद सभासद प्रतिनिधि ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल में की.
सीएम पोर्टल में शिकायत दर्ज होने के बाद उद्योग विभाग में हड़कम्प मच गया आनन फानन में विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों ने योजना के चयनित 10 लाभार्थियों को कार्यालय बुलाकर 10 मशीनों का निःशुल्क वितरण कर दिया. लाभार्थियों को निःशुल्क मशीनों के वितरण में हुई देरी पर जिला उद्योग केन्द्र उपायुक्त ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का असर फिलहाल जिला उद्योग केन्द्र में पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है.
सिलाई मशीनों का नहीं हुआ वितरण
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत योजना की चयनित महिलाओं व युवतियों को प्रशिक्षण के बाद सिलाई मशीनों का वितरण किया जाना था लेकिन वर्ष 2021 में चयनित होने के बाद लाभार्थियों को प्रशिक्षण तो करा दिया गया लेकिन योजना के तहत मिलने वाली निशुल्क सिलाई मशीन को शासन द्वारा भेजने के बाद वितरित करने की बात कहकर लाभार्थियों को टरका दिया गया.
लाभार्थियों द्वारा उद्योग विभाग कार्यालय के चक्कर काटने के सालों बाद भी निशुल्क मशीनों का वितरण नहीं किया गया. जबकि कागजों में वितरण दिखाया गया है. थक हारकर घर बैठी लाभार्थियों के लिए सभासद प्रतिनिधि की सक्रियता ने न सिर्फ निःशुल्क मशीनें वितरित कराईं बल्कि उद्योग विभाग में फैले भ्रष्टाचार को भी उजागर कर दिया है. शहर के मलकपुरा वार्ड से सभासद प्रतिनिधि जागेश्वर चौरसिया ने मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत दर्ज करा योजना की लाभार्थी महिलाओं व युवतियों को वितरित की गई निःशुल्क मशीनों के मामले की निष्पक्ष जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है.
कैमरे से बचते नजर आए अधिकारी
मामले की शिकायत दर्ज होने के बाद उद्योग विभाग के उपायुक्त महेंद्र सरोज ने लाभार्थियों को मशीनों के वितरण की बात कहकर मामले से अपना पल्ला झाड़ने की नाकाम कोशिश की है. मामले को लेकर कब उद्योग विभाग के उपायुक्त से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि उद्योग केन्द्र में फैले इस भ्रष्टाचार के मामले की जाँच और कार्यवाही परवान चढ़ती है या फिर कार्यालय में ही दम तोड़ देती है.
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