Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल में 11 माह के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामा कर रहे लोगों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण मासूम की मौत हुई है. आरोप ये भी है कि मौत की बात छिपाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए बच्चे को हायर सेंटर रेफर कर दिया. परिजनों का कहना है कि ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी ने इलाज में लापरवाही बरती जिसके कारण मासूम की जान गई है उन्होंने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है.


जानकारी के मुताबिक, बजरंग वार्ड निवासी विक्रम श्रीवास पेशे से मजदूर है. उन्होंने 11 माह के पुत्र अयांश को बुखार आने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. विक्रम का आरोप है कि वार्ड में तैनात वार्डबॉय अमित शराब के नशे में था और वीगो लगाने के लिए उसने बच्चे को कई जगह छेद दिया, लेकिन वीगो नहीं लगा पाया. इमरजेंसी में बच्चे को वीगो लगाई गई. इसके बाद वार्ड बॉय ने बच्चे को पांच छह इंजेक्शन लगा दिए. जिससे बच्चे की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई.


परिजनों ने किया जमकर हंगामा
उन्होंने आरोप लगाया है कि वार्ड बॉय की लापरवाही के कारण मासूम की जान गई, फिर भी स्वास्थ्यकर्मी ने अपनी गलती को छिपाने के लिए मासूम के मृत होने के बाद भी हालत गंभीर बताकर रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए एंबुलेंस से हायर सेंटर लेकर जाने लगे मगर उसके शरीर में कोई हलचल न देख उन्हें समझते देर नहीं लगी कि मासूम की मौत हो चुकी है और अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए ही मासूम को रेफर कर दिया है. 


गुस्साए परिजनों ने दो घंटे तक अस्पताल में हंगामा काटा और नारेबाजी करते हुए सीएमएस का घेराव किया. परिजनों ने आरोपी वार्डबॉय पर कार्यवाही की मांग की है जिस पर सीएमएस के आश्वासन के बाद परिजन शांत हुई है. मृतक के पिता विक्रम ने बताया कि अस्पताल में तमाम युवक वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक मरीजों का उपचार करते हैं और सुविधा शुल्क वसूलते है ऐसे युवकों पर अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते. आए दिन मरीजों से सुविधा शुल्क लेने का मामला सामने आता रहता है.


सीएमएस ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई
इस मामले में सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल ने जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिया. सीएमएस ने बताया कि इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मामले पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी. किसी भी बाहरी व्यक्तियों को अस्पताल परिसर में पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी. बड़ा सवाल है कि जब वार्डबॉय को वीगो लगाने का अधिकार नहीं है तो जिला अस्पताल में वार्डबॉय विगो क्यों लगा रहे है. इस मामले में जांच की बात अधिकारी कह रहे है.


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