UP News: महोबा (Mahoba) जिला अस्पताल में निशुल्क इलाज के दावे बेमानी नजर आ रहे हैं. जिला अस्पताल (District Hospital) में कमीशन खोरी के चलते इलाज कराने आ रहे मरीजों को बाहर की दवा लिखकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर जिम्मेदार अधिकारी भी जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. 


 जिला अस्पताल के जिम्मेदारों की लापरवाही का ही नतीजा है कि अस्पताल में तैनात कई डॉक्टर खुलेआम बाहर की दवाएं लिखकर कमीशन खोरी करने में लगे हुए हैं. मौसम के बदलते मिजाज के साथ जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा है जिसका फायदा तैनात डॉक्टर उठाने से बाज नहीं आ रहे. शहर के सत्तीपुरा इलाके में रहने वाले पुष्पेंद्र यादव बताते हैं कि वह अपनी पत्नी की आंख में परेशानी होने पर इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल आए था. पल्लेदारी करने वाले पुष्पेंद्र निशुल्क इलाज की उम्मीद लिए जिला अस्पताल आए लेकिन डॉक्टर ने उसे अस्पताल के बाहर की दवा लिखी है. पुष्पेंद्र दवा का पर्चा दिखाते हुए बताता है कि उसने बाहर मेडिकल से 800 रुपये की दवा खरीदी. 


इंजेक्शन लगाने के सवाल पर सीएमएस ने दिया यह जवाब

जिला अस्पताल में हो रही कमीशन खोरी को तब और बल मिल गया जब अस्पताल के अंदर फार्मेसी कंपनी के दवाओं की मार्केटिंग करने के लिए एक एमआर घूमता नजर आया. एमआर ने बताया कि डॉक्टर साहब को अपनी कंपनी की दवा दिखाने आया था ताकि उसकी मार्केटिंग और सेलिंग हो सके. हद तो तब हो गई जब जिला अस्पताल में हाल ही में तैनात हुई एक वार्ड आया इंजेक्शन लगाती देखी गई. सुबह से अभी तक 8 इंजेक्शन मरीजों को लगाए हैं. जिला अस्पताल में बरती जा रही अनियमितताओं और लापरवाही को लेकर सीएमएस डॉ एसपी सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अपने स्तर पर मामले की जांच करेंगे. इंजेक्शन लगाने के सवाल पर कहा कि डॉक्टर की देखरेख में वार्ड आया इंजेक्शन लगा सकती है.


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