Mahoba News: उत्तर प्रदेश के महोबा में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जिले में छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं. यहां बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से चेकडैम पानी से लबालब हो गए हैं. ऐसे में नौनिहाल अनहोनी के खौफ के बीच स्कूल जाने के लिए इन्हें पार करने को मजबूर हो रहे हैं. गांव में प्राथमिक शिक्षा के बाद आगे पढ़ने के लिए शिक्षा की कोई व्यवस्था न होने के चलते छात्रों को मजबूरन गांव से बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में रास्ते में पड़ने वाला चैकडेम उनके लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.


दरअसल, यह पूरा मामला जनपद के कुलपहाड़ तहसील अंतर्गत आने वाले खैरारी गांव का है. जहां बारिश के दिनों में गांव का चेकडैम पानी से लबालब हो जाता है और इस चेकडैम से होकर पढ़ने के लिए स्कूली बच्चे दूसरे गांव जाते हैं. जान जोखिम में डालकर रोजाना पढ़ने के लिए स्कूल जाने वाले नौनिहालों के लिए गांव में प्राथमिक शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.


पानी से लबालब हुए चेकडैम


महोबा में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते जगह-जगह जल भराव और पानी से लबालब चेकडैम स्कूली बच्चों और ग्रामीणों के लिए मुसीबत का कारण बने हुए हैं. इसी बारिश के चलते कुलपहाड़ तहसील के खैरारी गांव का चेकडैम पानी से लबालब हो गया, जबकि इसी रास्ते से रोजाना बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे पढ़ने के लिए निकलते हैं, जिनके लिए स्कूल जाना अपनी जिंदगी को खतरे में डालने से कम नजर नहीं आ रहा है.


जान जोखिम में डाल चेकडैम पर कर रहे छात्र


गांव से स्कूल जा रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि उन्हें रोजाना स्कूल बैग लेकर इसी पानी से भरे चेकडैम से गुजरना पड़ता है. फिलहाल जान हथेली में लेकर शिक्षा ग्रहण करने जा रहे नौनिहालों के चेहरे पर डर साफ दिखाई पड़ता है. चेकडैम में पानी के तेज बहाव के बावजूद भी यह स्कूली बच्चे यहां से निकलने के लिए मजबूर हैं. गांव से तकरीबन 70 बच्चे रोजाना जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं.


शिकायतों के बाद भी ध्यान नहीं दे रहे प्रशासनिक अधिकारी


जानकारी के अनुसार गांव के मुख्य मार्ग की लंबी दूरी और दुर्लभ रास्ते के कारण जल्दी स्कूल पहुंचने के लिए बच्चे इसी चेकडैम से होकर निकल रहे हैं. फिलहाल ऐसे में स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को खतरे से दो-चार होना पड़ रहा है. खैरारी गांव के ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या को प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने रखा है. फिलहाल अभी तक इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा.


इसे भी पढ़ें:


UP News: राहुल गांधी के बयान पर काशी के संत समाज में आक्रोश, कहा- 'सनातन धर्म का हो रहा अपमान'