Mahoba News: महोबा में आरपीएफ जवानों का का अमानवीय कृत्य सामने आया है. रेलवे स्टेशन के बाहर कूड़ा कचरा बीनने वाले परिवार के साथ आरपीएफ थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके भोजन को फेंक दिया गया. हद तो तब हो गई जब डेरे में सो रही तीन वर्ष की मासूम बच्ची के ऊपर वाहन को चढ़ा दिया जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई है. घायल मासूम बच्ची को इलाज के लिए जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है. वहीं इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.


दरअसल महोबा के रेलवे स्टेशन के बाहर कूड़ा कचरा बीनने और भीख मांगने वाला परिवार बीती देर रात भोजन बना रहा था. आरोप है कि तभी आरपीएफ थाने में पुलिसकर्मी पुलिस वाहन से आ गए और भीख मांग कर गुजर-बसर करने वाले परिवार को जबरन वहां से हटाने लगे जिस पर पीड़ितों ने भोजन करने के बाद चले जाने की बात कही तो पुलिसकर्मी भड़क उठे और लाठी डंडों से पूरे परिवार के साथ मारपीट शुरू कर दी.


पीड़ित ने सुनाई आपबीती 
पीड़ित परिवार का शंकर बताता है कि उसका भाई दीपक अपनी पत्नी किरनऔर 3 साल की बच्ची रायना के साथ अन्य परिवारीजन रात के समय भोजन खाने के लिए बैठे थे और डेरे पर 3 साल की मासूम बच्ची रायना सो रही थी. पीड़ित ने बताया कि इस दरमियान आरपीएफ थाने में तैनात पुलिस टीम जीप से अचानक यहां पहुंच गई. जिन्होंने भीख मांग कर गुजर बसर करने वाले परिवार को वहां से जबरन हटाना शुरू कर दिया और देखते-देखते बल प्रयोग कर सभी के साथ मारपीट शुरू कर दी गई. आरोप है इसी दौरान अचानक पुलिस की जीप मासूम बच्ची रायना के ऊपर चढ़ गई. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई है. जिसे इलाज के लिए अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. 


वहीं पीड़ित परिवार न्याय की आस लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहें हैं लेकिन उन्हें कहीं से न्याय नहीं मिल पा रहा है. कूड़ा कचरा बीनने वाला यह परिवार सिर्फ अपनी मासूम बच्ची के इलाज की गुहार लगा रहा है और इस मामले में आरपीएफ पुलिस के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. वहीं इस मामले पर आरपीएफ के आईजी एसके सिन्हा ने बताया कि हमें इस प्रकार की कोई जानकारी अभी नही मिली है यदि ऐसा है तो आरोपी पुलिसकर्मियों पर जांच कर कार्यवाही की जायेगी.


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